'जब जडेजा ने हिंदी में जवाब दिए, तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का हुआ 'पाखंड'!'
मेलबर्न में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रवींद्र जडेजा ने हिंदी में सवालों के जवाब दिए, जिससे ऑस्ट्रेलियाई मीडिया नाखुश नजर आई. 7 न्यूज़ ने इसे 'अजीब' बताते हुए आलोचना की, जबकि भारतीय पत्रकारों ने जडेजा का बचाव किया. सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर बहस छिड़ गई. जानें, क्यों जडेजा का हिंदी में बोलना इतना बड़ा मुद्दा बन गया!
Cricket: ऑस्ट्रेलिया में चल रही भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में मैदान के बाहर भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पहले विराट कोहली और अब रवींद्र जडेजा एक नए विवाद के केंद्र में आ गए हैं. मामला जडेजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने हिंदी में सवालों के जवाब दिए और इसके चलते ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने आपत्ति जताई.
क्या है विवाद?
मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रवींद्र जडेजा ने हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने हिंदी में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए, जिससे ऑस्ट्रेलियाई मीडिया असहज हो गई. 7 न्यूज़ ने इसे 'अजीब और नीरस' करार दिया और दावा किया कि जडेजा ने अंग्रेजी में सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने इसे ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों के लिए "परेशान करने वाली स्थिति" बताया.
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट टीम ने यह स्पष्ट किया था कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस भारतीय पत्रकारों के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को भी आमंत्रित किया गया था. हालांकि, जडेजा के जल्दी जाने और हिंदी में जवाब देने को लेकर यह मुद्दा गर्मा गया.
कोहली और मीडिया के बीच पहले ही हो चुका है तनाव
इससे पहले विराट कोहली भी एक विवाद में घिर चुके हैं. ब्रिसबेन टेस्ट के बाद एयरपोर्ट पर कोहली ने अपने परिवार की तस्वीरें लेने पर एक रिपोर्टर को रोक दिया था. बताया गया कि कोहली अपने बच्चों और पत्नी की निजता को लेकर चिंतित थे. हालांकि, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह सिर्फ एक गलतफहमी थी. कोहली ने कैमरा क्रू से बात की और मामला सुलझा लिया.
भारतीय पत्रकारों का बचाव
भारतीय पत्रकारों, दैनिक जागरण के अभिषेक त्रिपाठी और रेवस्पोर्ट्स के शुभयान चक्रवर्ती ने इस मामले में जडेजा का बचाव किया. उन्होंने कहा कि जडेजा ने समय की कमी के कारण सभी सवालों का जवाब नहीं दिया. उनका यह भी कहना था कि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है.
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया. कई यूजर्स ने 7 न्यूज़ की रिपोर्ट को "पाखंड" बताया और कहा कि हर खिलाड़ी को अपनी भाषा में बोलने का अधिकार है. वहीं, कुछ ने इसे गलतफहमी का नतीजा माना.
क्या कहती है यह घटना?
यह विवाद भारतीय खिलाड़ियों और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के बीच तनावपूर्ण संबंधों को उजागर करता है. जहां भारतीय खिलाड़ी अपनी निजता और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने की कोशिश करते हैं, वहीं कुछ विदेशी मीडिया आउटलेट्स इसे अलग नजरिए से देखते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि यह मामला यहीं थमता है या आने वाले दिनों में इससे जुड़े और पहलू सामने आते हैं.