World Cup 2011: जश्न में डूब गया था पूरा देश, महेंद्र सिंह धोनी के ऐतिहासिक छक्के ने किया था खिताबी सपना पूरा

2 अप्रैल का दिन और जर्सी नंबर 7 का जादू, भारतीय क्रिकेट फैंस के दिलों में हमेशा- हमेशा के लिए छाप छोड़ गया। दरअसल आज से ठीक 12 साल पहले महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी ही कप्तानी में विनिंग सिक्स लगाकर भारतीय टीम को वनडे विश्व कप का खिताब जिताया था।

2 अप्रैल का दिन और जर्सी नंबर 7 का जादू, भारतीय क्रिकेट फैंस के दिलों में हमेशा- हमेशा के लिए छाप छोड़ गया। दरअसल आज से ठीक 12 साल पहले महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी ही कप्तानी में विनिंग सिक्स लगाकर भारतीय टीम को वनडे विश्व कप का खिताब जिताया था।

अपने 28 साल के सूखे को खत्म कर भारतीय टीम ने साल 2011 में चैंपियन ट्रॉफी (वर्ल्ड कप) अपने नाम की थी। इस दिन को गुजरे हुए भले ही 12 साल का लंबा समय हो गया हो, लेकिन आज भी ऐसा लगता है कि ये जैसे अभी कल की ही बात है। आइए ऐसे में इस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए आपको एक बार फिर फ्लैशबैक में ले चलते है...

28 साल बाद भारत ने जीता था वनडे विश्व कप का खिताब -

2 अप्रैल साल 2011 का दिन क्रिकेट की दुनिया में भारतीय क्रिकेट टीम और उनके प्रशंसकों के लिए बहुत ही खास है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इस दिन भारतीय टीम ने श्रीलंका को फाइनल मुकाबले में 6 विकेट से करारी शिकस्त देकर 28 साल बाद दूसरी बार वनडे विश्व कप का खिताब जीता था।

इससे पहले कपिल देव की कप्तानी में भारत साल 1983 में विश्व चैंपियन बना था, लेकिन दूसरा विश्व कप का खिताब भारत को 28 साल बाद महेंद्र सिंह धोनी ने दिलाया। बता दें कि भारतीय टीम के लिए यह जीत कई वजहों से बहुत खास रही, पहली वजह ये थी कि भारतीय टीम ने भारतीय सरजमीं पर पहली बार विश्व कप का खिताब जीता, तो वहीं दूसरी वजह ये रही कि भारतीय टीम के महान खिलाड़ी (बल्लेबाज) सचिन तेंदुलकर का विश्व कप का खिताब जीतने का सपना आखिरकार पूरा हुआ।

फाइनल मुकाबले में महेला जयवर्धने ने खेली थी शानदार नाबाद शतकीय पारी -

अगर हम बात करें फाइनल मुकाबले की तो श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर कुल 274 रन बनाए थे। श्रीलंकाई टीम की ओर से महेला जयवर्धने ने शानदार 103 रनों की नाबाद पारी खेली थी। जयवर्धने के इस शतकीय पारी की बदौलत श्रीलंका की टीम भारत के सामने कुल 274 रनों का लक्ष्य रखा।

महेंद्र सिंह धोनी के विनिंग सिक्स से लेकर गौतम गंभीर की ताबड़तोड़ पारी -

वहीं इसके बाद 275 रनों की पीछा करने मैदान पर उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। आपको बता दें कि लसिथ मलिंगा ने दोनों सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (18 रन) और वीरेंद्र सहवाग (0 रन) को आउट कर पवेलियन का रास्ता दिखाया। भारतीय टीम इसके बाद काफी मुश्किल में आ गई थी।

मैदान में बैठे हर एक फैन्स के चेहरे पर मायूसी और उदासी छा गई थी, लेकिन दूसरे छोर पर गौतम गंभीर ने किंग कोहली के साथ मिलकर 83 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की और फैन्स की उम्मीद को बनाए रखा। बता दें कि इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने विराट कोहली के आउट हो जाने के बाद बल्लेबाजी के लिए युवराज सिंह की जगह नंबर 5 पर खुद मैदान पर उतरने का निर्णय लिया।

मुकाबले में गौतम गंभीर के साथ माही भारतीय टीम के संकटमोचन बने। गंभीर और माही ने चौथे विकेट के लिए 109 रनों की अतिमहत्वपूर्ण साझेदारी कर मुकाबले को अपनी झोली में डाला, लेकिन गौतम गंभीर शतक लगाने से चूक गए और आखिर में धोनी के बल्ले से विनिंग शॉट निकला, वो शॉट आज भी सभी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है। इस तरह 10 गेंद शेष रहते ही भारतीय टीम ने 6 विकेट से मुकाबले को अपने नाम किया और विश्व कप का खिताब जीता।

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02 April 2023, 02:42 PM IST

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