आखिरकार सॉफ्ट सिग्नल को खत्म किया जाएगा। ICC (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ने अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों के खेलने की स्थिति में सबसे चर्चित बहस का मुद्दा और लंबे समय से लंबित नियम के बदलाव में किया है। अगले महीने लंदन में होने वाली WTC (विश्व टेस्ट चैंपियनशिप) के फाइनल मुकाबले में इस बदलाव के लागू होने की संभावना है।
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक सौरव गांगुली की अध्यक्षता में ICC की क्रिकेट समिति ने इस नियम के बदलाव को मंजूरी दे दी है। इस बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने वाली टीमों भारत और ऑस्ट्रेलिया को भी इस बदलाव से अवगत कराया गया है। यह नया नियम लंदन के द ओवल क्रिकेट स्टेडियम में 7-12 जून के बीच खेले जाने वाले फाइनल मुकाबले का हिस्सा होगा।
बता दें कि सॉफ्ट सिग्नल नियम विवाद का विषय रहा है और कई दिग्गज खिलाड़ियों ने इस नियम को खत्म करने की मांग की है। ICC के नियमानुसार सॉफ्ट सिग्नल गेंदबाज के अंपायर की तरफ से अंपायर रिव्यू को शुरू करने से पहले उसके शुरुआती ऑन-फील्ड फैसले को लेकर तीसरे अंपायर से (जहां आवश्यकता हो दो-तरफा रेडियो के जरिए अतिरिक्त जानकारी के साथ) बातचीत करने का विजुअल माध्यम है।
गौरतलब है कि रेडियो पर तीसरे अंपायर से चर्चा करने से पूर्व, स्ट्राइकर की ओर के अंपायर से चर्चा करने के बाद मैदान पर फैसला लेना चाहिए। इस तरह के फैसले की शुरुआत गेंदबाज की ओर के अंपायर द्वारा तीसरे अंपायर को अपने हाथों से टीवी स्क्रीन का आकार बनाकर की जाएगी, जिसके बाद अंपायर को आउट या नॉटआउट का सॉफ्ट सिग्नल दिया जाएगा।
बता दें कि अगर तीसरा अंपायर सुझाव देता है कि रिप्ले को देखकर निर्णय नहीं लिया जा सकता, तो शुरुआत में दिया गया ऑन फील्ड अंपायर का निर्णय ही अंतिम निर्णय होगा। सीधे शब्दों में कहा जाए तो सॉफ्ट सिग्नल नियम एक ऑन फील्ड अंपायर को निर्णय लेने के लिए मजबूर करता है। अगर ऑन फील्ड अंपायर निश्चित न हो तभी भी तीसरा अंपायर निर्णय ले सकता है।
वहीं तीसरे अंपायर के पास भेजने से पहले वो इसे तभी बदल सकता है, जब वीडियो फुटेज से निर्णायक सबूत उपलब्ध हों। नियम में बदलाव का सीधा मतलब है कि संदिग्ध कैच पर अंतिम निर्णय तीसरे अंपायर का होगा। First Updated : Monday, 15 May 2023