Yashasvi Jaiswal: कभी तंबू में सोने वाले यशस्वी जायसवाल ने परिवार को गिफ्ट किया 5 BHK फ्लैट, जानिए संघर्ष से सफलता तक की कहानी
Yashasvi Jaiswal: यशस्वी जायसवाल फिलहाल मुंबई में एक 2 BHK फ्लैट में अपने परिवार के साथ रहते थे. लेकिन अब 21 वर्षीय यह खिलाड़ी मुंबई में एक 5 BHK के विशाल फ्लैट का मालिक बन गया है.
Yashasvi Jaiswal: युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल ने हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू के दौरान अपनी शानदार शतकीय पारी से अमिट छाप छोड़ी है. टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में अपनी इस बेहद शानदार शुरुआत के बाद, यशस्वी जायसवाल ने अपने परिवार को मुंबई में एक शानदार नया घर गिफ्ट में दिया है.
बता दें कि 21 वर्षीय यह खिलाड़ी फिलहाल मुंबई में एक 2 BHK फ्लैट में अपने परिवार के साथ रहता था. लेकिन अब यशस्वी जायसवाल मुंबई में एक 5 BHK के विशाल फ्लैट के मालिक बन गए हैं. जायसवाल का परिवार इस कामयाबी से बेहद खुश है, जो उनके बेटे की कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिबद्धता का एक मार्मिक प्रमाण है.
यशस्वी जायसवाल के भाई ने एक समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि, "यशस्वी की हमेशा एक इच्छा थी, अपना खुद का घर बनाने का." अपने इस सपने को पूरा करते हुए, युवा बल्लेबाज ने अपने क्रिकेट सपनों की तरह इस आकांक्षा को भी हकीकत में बदल दिया है.
कौन है यशस्वी जायसवाल?
बता दें कि यशस्वी जायसवाल का जन्म 28 दिसंबर 2001 को उत्तरप्रदेश के भदोही के सुरियावां में एक निम्नवर्गीय परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम भूपेंद्र कुमार जायसवाल और माता का नाम कंचन जायसवाल है. यशस्वी छह भाई बहनों में चौथे भाई हैं.
यशस्वी के पिता की गांव में ही एक छोटी सी हार्डवेयर की दुकान है, जिससे होने वाली आमदनी इतने बड़े परिवार के लिए पर्याप्त नहीं थी. यशस्वी जायसवाल का बचपन से ही ध्यान क्रिकेट खेलने में था, इसलिए जायसवाल ने सिर्फ 10वीं तक की पढ़ाई की है.
संघर्षपूर्ण रहा जीवन -
यशस्वी जायसवाल को उनके गांव में क्रिकेट के लिए कोई सुविधाएं नहीं थी. इसके चलते यशस्वी 10 साल की उम्र में मुंबई आ गए और आजाद मैदान में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने लगे. मुंबई में शुरुआत में यशस्वी दादर में रहते थे, जो आजाद मैदान से काफी दूर था. इसलिए जायसवाल कालबादेवी में शिफ्ट हो गए. यहां वे निम्न श्रेणी का काम करने की शर्त पर एक डेयरी में रहने लगे.
यशस्वी क्रिकेट के चलते वहां पर ज्यादा काम नहीं कर पाते थे, जिसकी वजह से दुकानदार ने यशस्वी को बाहर निकाल दिया. बाद में यशस्वी ग्राउंड्समैन के साथ टेंट में रहने लगे. यशस्वी के पिता उन्हें थोड़े बहुत पैसे भेजते थे, जो खर्च के लिए पूरे नहीं पड़ते थे. कई बार यशस्वी भूखा सोना पड़ता था और कई बार पेट भरने के लिए यशस्वी पानी पूरी भी बेचा करते थे.
यशस्वी के जीवन में इनका रहा अहम स्थान -
वहीं 3 साल तक यशस्वी का जीवन ऐसे ही संघर्षों में गुजरता रहा. एक दिन यशस्वी को नेट में अभ्यास करते हुए उनके कोच ज्वाला सिंह ने देख लिया. यशस्वी की परेशानियों को देखते हुए ज्वाला सिंह इनके कानूनी गार्डियन (अभिभावक) बन गए. यशस्वी का सारा खर्चा अब ज्वाला सिंह वहन कर रहे थे. इसके साथ ही यशस्वी का हर तरह से साथ भी दे रहे थे.
इस तरह हुआ यशस्वी का आईपीएल में चयन -
साल 2019 में यशस्वी ने मुंबई की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलना शुरू किया. दिसंबर 2019 में यशस्वी का साल 2020 के अंडर-19 विश्वकप में नाम आया. साल 2020 और 2021 में हुए आईपीएल में यशस्वी को 2.40 करोड़ में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा और साल 2022 एवं साल 2023 में इसी टीम ने इन्हें 4 करोड़ रूपए में खरीदा.
आज यशस्वी की नेट वर्थ 12 करोड़ के लगभग है. यदि इंसान अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी लगन और ईमानदारी के साथ काम करे, तो जीवन की कोई समस्या उसके और उसके लक्ष्य के आड़े नहीं आ सकती, यह बात यशस्वी जायसवाल ने साबित करके दिखाई है.
टेस्ट डेब्यू में किया कमाल -
यशस्वी जायसवाल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह एक नई शुरुआत है, जो कभी तंबू में सोता था, पानीपूरी बेचा करता था, IPL खेल देखने के लिए पेड़ों पर चढ़ जाता था. उस यशस्वी जायसवाल ने 387 गेंदों का सामना करते हुए 171 रन बनाए. उनकी इस पारी में 16 चौके और 1 छक्का शामिल रहे. यशस्वी जायसवाल को उनके शानदार प्रदर्शन के चलते प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से भी नवाजा गया.