'इस्लाम अपनाने के लिए तैयार थे BR Ambedkar', कर्नाटक में कांग्रेस नेता के बयान ने मचाई खलबली

Karnataka News: कर्नाटक कांग्रेस के नेता और पूर्व विधायक सैयद अजीम पीर खादरी के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. खादरी ने एक रैली के दौरान दावा किया कि बी आर अंबेडकर इस्लाम अपनाने के लिए तैयार थे. अगर वो इस्लाम अपना लेते तो राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर और कई दलित आज मुसलमान होते.

Shivani Mishra
Shivani Mishra

Karnataka News: कर्नाटक कांग्रेस के नेता और पूर्व विधायक सैयद अजीम पीर खादरी के बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. खादरी ने एक राजनीतिक रैली में दावा किया कि बी.आर. अंबेडकर इस्लाम धर्म अपनाने वाले थे, और अगर उन्होंने ऐसा किया होता, तो कई दलित आज मुसलमान होते.

खादरी के बयान के वायरल होते ही कांग्रेस ने खुद को इससे अलग करने की कोशिश की, जबकि भाजपा ने इस बयान की कड़ी आलोचना की और इसे कांग्रेस की अज्ञानता करार दिया.  शिगगांव के पूर्व विधायक सैयद अजीमपीर खादरी के बयान से विवाद खड़ा हो गया है.

 इस्लाम अपनाने के लिए तैयार थे अंबेडकर

कर्नाटक के शिगगांव में आयोजित एक राजनीतिक रैली में सैयद अजीम पीर खादरी ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर उस समय इस्लाम अपनाने के लिए तैयार थे, लेकिन बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म को चुना. खादरी ने कहा कि अगर अंबेडकर इस्लाम अपनाते, तो राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर और कई अन्य दलित आज मुसलमान होते.

मदीगा समुदाय सम्मेलन में की टिप्पणी

खादरी ने 13 नवंबर को शिगगांव में उपचुनाव से पहले मदीगा समुदाय के सम्मेलन में इस बयान को दोहराया. उन्होंने कहा, अगर बाबासाहेब अंबेडकर इस्लाम में शामिल हो गए होते, तो रामप्पा (तिम्मापुर) रहीम होते, डॉ जी परमेश्वर 'पीर साहब' होते , हनुमंत गौड़ा हसन होते और मंजूनाथ तिम्मापुर 'महबूब' होते."

कांग्रेस ने बनाई दूरी

खादरी के इस बयान के बाद कांग्रेस ने तुरंत ही खुद को इससे अलग कर लिया. पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे खादरी का निजी विचार बताते हुए इससे असहमति जताई. कांग्रेस के लिए यह बयान असहज स्थिति में डालने वाला साबित हुआ है, खासकर जब पार्टी के भीतर कुछ दलित नेता भी इससे नाराज दिखाई दिए.

भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया

खादरी के बयान के बाद भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. भाजपा नेता सीटी रवि ने कहा कि अंबेडकर को हैदराबाद के निजाम ने इस्लाम में शामिल होने के लिए करोड़ों रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी, लेकिन अंबेडकर ने असहिष्णुता का हवाला देकर इसे ठुकरा दिया. उन्होंने कहा, "अंबेडकर का मानना था कि इस्लाम में समानता नहीं है."

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12 November 2024, 07:51 PM IST

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