AAP leader Manish Sisodia: दिल्ली अबकारी मामले में 17 महीने से देल में बंद मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने जमानत दे दी. अब वह बाहर आ गए हैं. जेल से बाहर आते ही मनीष सिसोदिया एक्शन मोड में नजर आए. ऐसे में अब कई तरह सवाल उठ रहे हैं कि क्या मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आने के बाद फिर से उपमुख्यमंत्री पद संभालेंगे या फिर नहीं. इन सभी सवालों का जवाब उन्होंने खुद अपने एक इंटरव्यू में दिया है. तो आइए जानते हैं कि क्या कहा उन्होंने.
क्या दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री फिर से उपमुख्यमंत्री बनेंगे? इस सवाल पर सिसोदिया ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की एकजुटता का जिक्र करते हुए कहा कि इसे देखकर गर्व होता है. क्या सरकार में शामिल होना चाहेंगे? इसके जवाब में मनीष सिसोदिया ने कहा कि हो सकते हैं लेकिन इसे लेकर मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी कोई जल्दबाजी नहीं है कि अभी बाहर आया हूं, एकदम से सरकार में जाऊं.
सिसोदिया ने कहा कि अभी मुझे जल्दबाजी इस बात की है कि जो कार्यकर्ता मुझसे मिलने आ रहे हैं, वे सब चाहते है कि आज मेरी विधानसभा में आ जाओ, हमारी विधानसभा में लोगों से मिल लो. अरविंद केजरीवाल भी जल्दी बाहर आ जाएंगे तो उसके बाद डिसीजन ले लेंगे.
उन्होंने कहा कि एक-दो महीने में वापस आता तो शायद इस जल्दबाजी में होता कि चलो कॉन्टिन्यू कर लेते हैं. अभी देख रहा हूं कि जो काम छोड़कर गया था, वो कॉन्टिन्यू चल रहे हैं. इसलिए भी कोई जल्दबाजी नहीं है. सिसोदिया ने कहा कि जब मुख्यमंत्री भी बाहर आ जाएंगे तब पार्टी की लीडरशिप इस पर निर्णय लेगी कि मुझे क्या करना है, सरकार में शामिल होकर काम करना है या चुनाव प्रचार में लगना है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां सारे समझदार लोग हैं. ये नहीं है कि ऐसा कह दिया तो क्यों कह दिया. मुझे चुनाव प्रचार में लगने के लिए कहा जाएगा तो आई लव दैट.
मनीष सिसोदिया ने झंडा विवाद और संवैधानिक संकट, गवर्नमेंट क्राइसिस को लेकर सवाल पर कहा कि एलजी साहब की ऐसी इमेज हो गई है कि वे हर काम को रुकवाने के लिए जोर लगाते हैं. वे अधिकारियों को धमकाते हैं. एलजी ने डेढ़ साल से अधिकारियों को धमका रखा है कि जल बोर्ड को फंड दे दिया तो देख लेना. उन्होंने कहा कि काम हो जाता है लेकिन लड़ के कराना पड़ता है. मोहल्ला क्लीनिक और डोर स्टेप राशन डिलीवरी में भी एलजी ने रोड़े अटकाए. सिसोदिया ने दावा किया कि पार्टी की इमेज जनता की नजरों में और बेहतर हुई है. लोग कह रहे हैं कि ये तो टूट ही नहीं रही.