Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों की तारीखें बदलने के चुनाव आयोग के फैसले की निंदा की. उन्होंने इसे भाजपा की एक पुरानी चाल बताया, जो हार से बचने के लिए की गई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, 'पहले मिल्कीपुर उपचुनाव को स्थगित किया गया और अब अन्य सीटों की तारीखें बदली गई हैं. भाजपा कभी इतनी कमजोर नहीं रही.'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा उपचुनावों को टालती है, तो उनकी हार और भी बड़ी होगी. यादव ने संकेत दिया कि यूपी में बढ़ती बेरोजगारी के कारण लोग दिवाली और छठ की छुट्टियों में घर लौट रहे थे और भाजपा को हराने के लिए वोट देने का मन बना चुके थे. यादव ने कहा, 'जैसे ही भाजपा को यह समझ में आया कि लोग मतदान करने आ रहे हैं, उसने उपचुनाव स्थगित कर दिए, ताकि लोग बिना वोट दिए वापस चले जाएं.'
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में सभी नौ और चार विधानसभा सीटों पर तथा केरल में एक सीट पर उपचुनाव की तारीख 13 नवंबर से बदलकर 20 नवंबर कर दी है. विभिन्न राजनीतिक दलों, जैसे कांग्रेस, भाजपा, बसपा, और रालोद, ने त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनाव पुनर्निर्धारित करने की मांग की थी.
उनका कहना था कि इससे मतदान प्रतिशत पर प्रभाव पड़ सकता है. भाजपा, बसपा, और रालोद ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लोग कार्तिक पूर्णिमा से तीन-चार दिन पहले यात्रा करते हैं, जो 15 नवंबर को मनाई जाएगी. इसलिए, उन्होंने चुनाव की तारीखों में बदलाव की जरूरत बताई.
सपा प्रमुख के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि उपचुनाव की तारीख को बदलने की मांग इसलिए की गई क्योंकि यह तारीख हिंदू त्योहार से मेल खाती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी हर मामले में राजनीति करना चाहती है, खासकर जब बात बहुसंख्यक भावनाओं की आती है. शुक्ला ने कहा कि सपा को अपने वोट बैंक की ज्यादा चिंता है, न कि जनभावनाओं की. First Updated : Monday, 04 November 2024