'वोट दिया इसका मतलब ये नहीं कि मैं आपका नौकर हूं...', आखिर किस बात पर भड़क गए डिप्टी सीएम अजित पवार
लोगों के आवेदनों को स्वीकार करते हुए अजित पवार अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दे रहे थे. इस दौरान एक कार्यकर्ता ने कई काम लंबित होने की शिकायत की. कुछ स्थानीय लोगों ने भी कार्यकर्ता की हां में हां मिला दी. इसी बात पर अजित पवार नाराज हो गए.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक जनसभा में काफी नाराज हो गए. उन्होंने उस समय अपना आपा खो दिया, जब बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें कई मांगों के साथ ज्ञापन सौंपे. नाराज अजित पवार ने लोगों से कहा कि वे सिर्फ इसलिए उनके मालिक नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने उन्हें वोट दिया है. रविवार को बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री पवार ने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने उन्हें अपना नौकर बना लिया है. एनसीपी नेता ने कहा कि आपने मुझे वोट दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप मेरे मालिक हैं.
क्यों हुए अजित पवार नाराज
लोगों के आवेदनों को स्वीकार करते हुए अजित पवार अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दे रहे थे. इस दौरान एक कार्यकर्ता ने कई काम लंबित होने की शिकायत की. कुछ स्थानीय लोगों ने भी कार्यकर्ता की हां में हां मिला दी. इसी बात पर अजित पवार नाराज हो गए. उन्होंने गुस्से में कहा, 'सिर्फ इसलिए कि आपने वोट दिया इसका मतलब यह नहीं है कि आप मेरे मालिक हैं. क्या आपने मुझे अपना नौकर बना लिया है?'
अजित पवार का ये बयान अब राजनीतिक गलियारों की सुर्खियां बन चुका है. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव के पहले जनता के हित की बात करने वाले नेता चुनाव के बाद जनता के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. इसकी चर्चा हो रही है. विपक्षी दल उनकी आलोचना कर रहे हैं. इस बीच, शिवसेना नेता और महायुति सरकार में मंत्री संजय शिरसाट ने एनसीपी प्रमुख का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने आवेश में आकर यह टिप्पणी कर दी थी. हालांकि, अजित पवार ने अपनी नाराजगी भरी टिप्पणी के तुरंत बाद खुद को संभाला. उन्होंने जनहित के कार्यों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की.
अधिकारियों से क्या बोले पवार?
विदेश दौरे से लौटने के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार ने रविवार को बारामती क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कई नए कामों का शिलान्यास भी किया. अजित पवार ने कहा कि बारामती का रियल एस्टेट बाजार बढ़ रहा है, लेकिन मुंबई और पुणे के बड़े डेवलपर्स अभी तक इसमें एंटर नहीं कर पाए हैं. समस्याओं पर भड़कने के बाद उन्होंने अधिकारियों की भी क्लास लगा दी, और हिदायत दी कि काम में कोई कमी नहीं आनी चाहिए. हर समस्या समाधान किया जाए.