Tejasvi Surya: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया है कि विपक्षी सदस्यों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और पैनल की बैठक के दौरान एक गवाह को धमकाया. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूर्या ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखकर बताया कि 14 अक्टूबर को जब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने कर्नाटक में वक्फ भूमि घोटाले पर पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपड्डी से सुनवाई की, तब विपक्षी सांसदों ने 'असंसदीय व्यवहार' किया.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मंगलवार को 12 विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर वक्फ बिल पर जेपीसी की बैठक में 'संसदीय आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन' करने का आरोप लगाया. उन्होंने पैनल के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर "पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्यवाही" करने का आरोप भी लगाया.
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में तेजस्वी सूर्या ने कहा, 'अपने बयान के दौरान, श्री मणिप्पादी ने 2012 में अपने कार्यकाल के दौरान प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट पर चर्चा की.' इस रिपोर्ट में लगभग 2,000 एकड़ वक्फ भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण या निजी संस्थाओं को बिक्री का आरोप लगाया गया है, जिसकी कीमत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कुछ नेता शामिल हैं.'
सूर्या ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों ने बैठक में बाधा डाली और जेपीसी अध्यक्ष तथा गवाह को मौखिक रूप से धमकाया. उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों ने गवाह और अध्यक्ष के बैठने की जगह के पास जाकर उन्हें धमकाने की कोशिश की, और उनके नोट्स व कागजात भी फाड़ दिए.
उन्होंने आरोप लगाया, 'इसके बाद वे बैठक में उपस्थित अन्य सदस्यों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करते हुए बैठक से बाहर चले गए.' सूर्या ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे विपक्षी सदस्यों को आचार संहिता और संसदीय शिष्टाचार का पालन करने का निर्देश दें तथा इस अनियंत्रित और असंसदीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करें. First Updated : Friday, 18 October 2024