60 हजार पोस्ट, 48 लाख दावेदार; सरकार के लिए भी आसान नहीं होगी यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा!
UP Police Constable Exam: इसी साल फरवरी महीने में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. लेकिन पेपर लीक के आरोपों के बाद इसे रद्द कर दिया गया था. इस बार परीक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. इस दौरान ड्रोन, सीसीटीवी कैमरा और कंट्रोल रूम की सहायता से परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जाएगी. परीक्षा को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी, एडीजी के साथ एसपी,डीएसपी और पुलिस कर्मी सजग हैं.
UP Police Constable Exam: उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा चल रही है. यह परीक्षा दोबारा आयोजित की गई है. पहली बार में इसका प्रश्न प्रत्र लिक होने की वजह से इसे कैंसिल कर दिया गया था. ऐसे में ये परीक्षा छात्रों के लिए कठिन तो है ही. लेकिन उससे भी ज्यादा परेशानी का सबब सरकार के लिए भी है. ऐसे हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि हमारे देश में बेरोजगारों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. इस बार यूपी पुलिस भर्ती में 1-1 पोस्ट के लिए 80 बेरोजगारों के बीच प्रतिस्पर्धा है. तो आइए आपको ये चौंकाने वाले आंकडे बताते हैं.
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में 5 दिन में 10 शिफ्ट और हर शिफ्ट में औसत 4 लाख 80 हजार बेरोजगार युवा सिपाही भर्ती परीक्षा दे रहे हैं. शायद ये पहला इम्तिहान होगा जहां पेपर लीक या किसी और तरह की धांधली से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में 20 हजार 500 संदिग्ध परीक्षार्थियों की पहले ही पहचान करके उन पर निगाह रखी जा रही है. सरकार जानती है कि लाखों लोग आएंगे तो दिक्कत भी सामने आएगी इसीलिए परीक्षा स्पेशल ट्रेन खासकर परीक्षार्थियों के लिए चलाई जा रही है. पांच दिन में होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा में एडमिट कार्ड को ही पास की तरह दिखाकर रोडवेज बस में फ्री में आने जाने की सुविधा सरकार दे रही है.
परीक्षा के लिए सराकर कर रही मशकत
सराकर को इतनी मशकत सिर्फ एक परीक्षा के लिए करनी पड़ रही है. ये परीक्षा जितना छात्रों के लिए कठिन नहीं है. उससे ज्यादा सरकार के लिए है. 48 लाख बेरोजगारों में से केवल सवा प्रतिशत को ही नौकरी दी जाएगी. इस परीक्षा में 48 लाख परीक्षार्थी भाग ले रहें हैं. लेकिन खाली पद 60244 है यानी एक सिपाही की नौकरी के लिए 80 बेरोजगारों की दावेदारी यानी 48 लाख में 1.25% ही लोगों को नौकरी मिलेगी.
भर्तियों में आरक्षण का प्रवाधान
सरकारी भर्तियों में आरक्षण का प्रवाधान होता है. लेकिन परीक्षा के समय किसी भा तरह का आरक्षण नहीं दिया जाता है. सब अनारक्षित डिब्बे में ही एक तरह दाखिल होकर अपने अपने परीक्षा सेंटर को जाते हैं. इन सबके बीच जो पूछते हैं कि बेरोजगारी दर क्या है? रोजगार कितनों को मिल जा रहा है? फिलहाल वो रेलवे स्टेशन पर किसी भर्ती इम्तिहान के होने पर जुटने वाली भीड़ से अंदाजा लगाएं, जिनकी संख्या लंबे वक्त के बाद निकलती भर्तियां और भर्तियों में हो जाने वाली धांधली से बढ़ती ही जाती है.