'9 नए जिलों की रद्दी, क्या अब राजस्थान में प्रशासन होगा और बेहतर? जानिए क्यों उठे सवाल!'
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों को रद्द कर दिया है। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में तूफान मचा दिया है। गहलोत सरकार इसे अनुचित बता रही है, जबकि भजनलाल सरकार का कहना है कि ये कदम प्रशासनिक सुधार के लिए उठाया गया। अब सवाल ये उठता है कि नए जिले कैसे बनते हैं, और क्यों कभी सरकारें उन्हें रद्द कर देती हैं? जानिए इस फैसले के पीछे की पूरी प्रक्रिया और राजनीति!
9 New Districts Canceled in Rajasthan: राजस्थान में हाल ही में भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे अनुचित करार दिया है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर यह प्रक्रिया कैसे होती है, और क्यों सरकार नए जिलों का निर्माण करती है या उन्हें रद्द करती है।
9 जिलों को क्यों रद्द किया गया?
राजस्थान में हाल ही में भजनलाल सरकार ने जिन 9 जिलों को खत्म किया, वे थे: दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, और सांचौर। इन जिलों को रद्द कर सरकार ने राज्य में जिलों की संख्या को 41 कर दिया, जबकि पहले यह संख्या 50 थी। इस निर्णय के बाद राजस्थान में नए जिलों को लेकर राजनीति गरम हो गई है। गहलोत सरकार का आरोप है कि यह फैसला राजनीतिक लाभ के लिए लिया गया है।
कैसे बनते हैं नए जिले?
जिले बनाने की प्रक्रिया राज्य सरकारों के हाथ में होती है। आमतौर पर, किसी भी क्षेत्र को नया जिला तब बनाया जाता है जब वहां की जनसंख्या 2 लाख से 10 लाख के बीच हो, और उस क्षेत्र का प्रशासनिक भार बहुत बढ़ जाए। जब जिला मुख्यालय पर जनसंख्या का दबाव अधिक हो, तो राज्य सरकारें नए जिलों का निर्माण करती हैं ताकि प्रशासनिक सुविधाएं और सेवाएं जनता तक आसानी से पहुंच सकें।
नए जिले बनाने के लिए जरूरी शर्तें:
- क्षेत्र की आबादी कम से कम 2 लाख होनी चाहिए।
- भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व और प्रशासनिक सुविधाओं का अध्ययन किया जाता है।
- नया जिला तभी बनता है जब क्षेत्र के पास तीन या चार तहसील और उपखंड मुख्यालय हों।
- नए जिले को जिला मुख्यालय से कम से कम 50 किलोमीटर दूर होना चाहिए।
नए जिलों के फायदे
नए जिले बनाने का मुख्य उद्देश्य जनता तक प्रशासन की पहुंच बढ़ाना और विकास की गति को तेज करना है। जब एक जिला सीमित आबादी का होता है, तो वहां के लोगों को सरकारी योजनाओं का अधिक लाभ मिलता है और विकास की गति भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, छोटे जिलों में कानून व्यवस्था बनाए रखना भी आसान होता है।
अशोक गहलोत का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन 9 जिलों को रद्द करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ये जिले भौगोलिक स्थिति और विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण थे और इन्हें छोटा कर देना गलत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात के कई जिले छोटे आकार के होते हुए भी बेहतर प्रशासन और विकास में सफल साबित हुए हैं।
राजस्थान में नए जिलों का निर्माण या रद्द करना एक राजनीतिक और प्रशासनिक निर्णय है। इसका उद्देश्य जनता के लिए बेहतर प्रशासनिक सुविधाएं और विकास प्रदान करना होता है। हालांकि, इस निर्णय को लेकर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद बने हुए हैं। अब देखना यह होगा कि राजस्थान की जनता आगामी विधानसभा चुनावों में इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देती है।