Aaj ka Sixer: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में सजा काट रहे बाहुबली मुख्तार अंसारी की 28 मार्च गुरुवार शाम को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है. मुख्तार की तबीयत जेल में ही बिगड़ी थी. जिसके बाद उन्हें अस्ताल में भर्ती कराया गया था. वहीं अब शुक्रवार 30 मार्च को उनके पुश्तैनी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
साल 2024 में लोकसभा का चुनाव होने वाला है जिसको लेकर पूरे देश में सियासत गरमाई हुई नजर आ रही है. वहीं अगर खबरों की माने तो कयास लगाया जा रहा है कि इस समय मुख्तार अंसारी की मौत के कारण पूर्वांचल में लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा क्योकिं पूर्वांचल में उनके नाम से तूती बोलती थी? लोकसभा चुनाव के बीच मुख्तार अंसारी के मौत के बाद जनभावन टाइम्स अपनी स्पेशल सीरीज "आज का सिक्कर" में इस खबर से जुड़े 6 बड़े कारण पेश कर रही हैं पढ़िए.
➤ मुख्तार अंसारी की मौत के बाद विपक्षी दल इस बात को भी बाखूबी समझ रहा है कि मुख्तार अंसारी के मामले को बहुत ज्यादा उठाने से रिवर्स पॉलराइजेशन का भी खतरा है.
➤ मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सभी विपक्षी पार्टियां मुस्लिम वोट को अपनानें में लगी है. पूर्वांचल के कई जिलो में मुस्लिम वोटर काफी बड़ी संख्या में है. हालांकि इसके ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा
➤ मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सभी विपक्षी पार्टिया जैसे सपा, बसपा और आरजेडी तक मुख्तार अंसारी के परिवार के आरोपों को ही अपनी ढाल बना रहे हैं.
➤ वहीं अगर पूर्वांचल की बात करें तो मुख्तार की मौत से सहानुभूति का फायदा गाजीपुर और मऊ सीट पर थोड़ा फायदा मिल सकता है हालांकि इसकी भी कम संभावना है. लेकिस बाकी स्थानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
➤ मुख्तार अंसारी कई सालों के जेल में बंद थे और योगी सरकार आने से कानून व्यवस्था मजबूत हुई इसीलिए मुख्तार अंसारी का सियासी ग्राफ बहुत ज्यादा बढ़ नहीं पाया.
➤ इसके अलावा मुख्तार अंसारी की मौत के बाद लोकसभा चुनाव में राजनीतिक चर्चा में यह कुछ पार्टियों का केंद्र बिंदू हो सकता है. First Updated : Friday, 29 March 2024