मुख्तार अंसारी की मौत से वोट बैंक बढ़ाने में लगे गैर-भाजपा दल? समझिए 6 प्वॉइंट्स में

Aaj Ka Sixer: विभिन्न गैर-भाजपा दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी मौत पर संदेह जताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

JBT Desk
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Aaj Ka Sixer: गैंगस्टर से राजनेता बने पांच बार के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. इसके बाद विपक्षी दलों में उनके निधन पर दुख व्यक्त करने और उनके परिवार के प्रति सहानुभूति जताने की होड़ सी मच गई.विभिन्न गैर-भाजपा दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी मौत पर संदेह जताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की. अब सवाल ये उठता है कि मुख्तार की मौत पर सभी पार्टियां इतनी एक्टिव क्यों दिख रही हैं, क्या मुख्तार की मौत से यूपी के चुनाव में किसी तरह का कोई बदलाव आ सकता है?

1- मुख्तार अंसारी जिनपर  63 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे, इनको लेकर कहा जाता है कि उन्होंने पूर्वी यूपी में आतंक का साम्राज्य स्थापित किया था. बावजूद इसके उनकी पकड़ गाजीपुर, मऊ, आज़मगढ़ और वाराणसी जिलों में मुस्लिम वोटों पर थी. मुख्तार का वोट बैंक बहुत बड़ा है, लोग भले ही उनको डॉन, माफिया कहते हैं लेकिन उनके इलाके में लोग उनको बहुत मानते है, कहा जाता है कि जब कोई मुख्तार के दरवाजे पर किसी सहारे की उम्मीद के साथ आता था वो कभी काली हाथ नहीं जाता था. यही वजह कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और आज पार्टियों में उनके नाम की होड़ मची है. 

2- इन जिलों की लोकसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 20% है. हालांकि मुख्तार की मौत हो चुकी है, लेकिन क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं पर उनके परिवार का दबदबा कायम रहने की संभावना है.उनके भाई अफ़ज़ल अंसारी, जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर ग़ाज़ीपुर से जीता था, 2024 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर लड़ रहे हैं. 

3- उनके बेटे अब्बास अंसारी ने 2022 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के टिकट पर मऊ विधानसभा सीट जीती, जबकि उनके भतीजे सुहैब अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से सपा विधायक हैं. मुख्तार की मौत से पूर्वी यूपी के उन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं का ध्रुवीकरण होने की संभावना है जहां धर्म और जाति का कार्ड जोर-शोर से खेला जाता है. 

4- उनकी मौत पर सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने पूर्वी यूपी के लोकसभा क्षेत्रों में मुस्लिम वोटों की लड़ाई का माहौल पहले ही तैयार कर दिया है. जहां छठे और सातवें चरण में मतदान होगा.भाजपा को भी वोटों के ध्रुवीकरण का फायदा  मिलने की संभावना है. 

5- एआईएमआईएम, राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल (आरयूसी) और पीस पार्टी समेत पूर्वी और मध्य यूपी में मुस्लिम समर्थन प्राप्त छोटे राजनीतिक दलों ने उनकी मौत की जांच की मांग की. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ''गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया.'' इसके साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''हर स्थिति और हर स्थान पर किसी के जीवन  की रक्षा करना सरकार की पहली जिम्मेदारी और कर्तव्य है.'' 

6- बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत को गंभीर आरोप लगाए. इसके अलावा एक राजनीतिक पर्यवेक्षक एसके सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों में चुनावों के दौरान मुख्तार अंसारी को अपने साथ लाने की होड़ मची रहती है, ताकि बदले में उनका बाहुबल हासिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि 2003 में जब मायावती सरकार गिरने के बाद सपा की सरकार बनी तो मुख्तार ने राज्य विधानसभा में विश्वास मत जीतने के लिए मुलायम सिंह यादव का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि वो आसानी से एक पार्टी से दूसरी पार्टी में चले गए और राजनीतिक दलों ने अपने दरवाजे आसानी से खोल दिए. वे जानते थे कि मुख्तार के साथ वे एक या दो सीटें आसानी से जीत सकते हैं. 

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30 March 2024, 08:13 AM IST

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