वक्फ विधेयक पर AAP का जोरदार विरोध, CM भगवंत मान बोले- हम मुसलमानों के साथ हैं
AAP ने वक्फ विधेयक के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर दी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी पार्टी मुसलमानों के साथ खड़ी है और विधेयक का जोरदार विरोध करेगी. जानिए वक्फ विधेयक के मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच क्या हो रहा है और AAP का अगला कदम क्या होगा?

Punjab: भारत में वक्फ बोर्ड और उसके प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर राजनीति गरमाई हुई है. पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता भगवंत मान ने सोमवार को यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी वक्फ विधेयक का पूरी ताकत से विरोध करेगी. इस विधेयक को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेतृत्व वाली NDA सरकार संसद में पेश करने जा रही है लेकिन AAP इसे असंवैधानिक और मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ मानती है.
वक्फ विधेयक पर क्या है विवाद?
वक्फ विधेयक पर चर्चा तब शुरू हुई जब 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति ने 655 पन्नों की अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 30 जनवरी को सौंपी. इस रिपोर्ट में बीजेपी के सदस्यों ने कुछ बदलावों की सिफारिश की थी जिसे समिति ने 15-11 के बहुमत से मंजूरी दी. इस विधेयक में वक्फ बोर्ड के अधिकारों को लेकर बदलाव किए जा रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड को खत्म करने की कोशिश है, जिससे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर असर पड़ेगा.
AAP का साफ संदेश- मुसलमानों के साथ खड़ी है पार्टी
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ईद के मौके पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद कहा कि वक्फ विधेयक पर मुसलमानों का विरोध बढ़ता जा रहा है और AAP इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संसद और पंजाब विधानसभा दोनों में इस विधेयक का विरोध करेगी. पार्टी का यह कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला है और पार्टी समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.
सरकार ने विधेयक पेश करने की तैयारी पूरी की
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि सरकार संशोधित वक्फ विधेयक को संसद में पेश करने के लिए तैयार है. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और समाज में अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं. सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि विधेयक को संसद में जल्द पेश किया जाएगा, और उसे पास कराने के लिए चर्चा की जाएगी.
विधेयक को कब पेश किया जाएगा?
विधेयक को लेकर सरकार का कहना है कि इसे संसद की आगामी बैठक में पेश किया जाएगा, और इस पर चर्चा के बाद इसे जल्द से जल्द पारित करने की कोशिश की जाएगी. सरकार ने यह भी बताया कि विधेयक को पहले लोकसभा में पेश किया जाएगा, जिसके बाद उसे राज्यसभा में भी पास कराने की योजना है. संसद का चालू बजट सत्र 4 अप्रैल को खत्म होने वाला है, और सरकार चाहती है कि इस विधेयक को इस सत्र में ही पारित कर लिया जाए.
विरोध और समर्थन का सामना करेगी सरकार
वक्फ विधेयक को लेकर लगातार विरोध और समर्थन का खेल जारी है. जहां AAP और विपक्षी दल इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला मानते हैं वहीं सरकार का कहना है कि यह विधेयक सुधार की दिशा में है. इस पूरे विवाद में अब यह देखना होगा कि संसद में विधेयक को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं और विभिन्न दलों के नेताओं की राय कैसी होती है.
AAP और भगवंत मान के द्वारा किया गया विरोध इस बात का इशारा करता है कि यह विधेयक भारतीय राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, जो मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को लेकर एक नया मोड़ ला सकता है.