खातेदार लगा रहे चक्कर 6 साल बाद भी नहीं मिल रही जमा पूंजी
खानपुर उपखंड क्षेत्र की तारज ग्राम सहकारी समिति की मिनी बैंक में करीब 6 साल पूर्व 1 करोड़ 72 लाख के गबन के मामले में आरोपितों से लंबे समय बाद भी वसूली नहीं हो पाई है। ऐसे में अपनी राशि के लिए खाता धारक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है। लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही ही। जिला प्रशासन को भी कई बार अवगत कराया है।
झालावाड़। खानपुर उपखंड क्षेत्र की तारज ग्राम सहकारी समिति की मिनी बैंक में करीब 6 साल पूर्व 1 करोड़ 72 लाख के गबन के मामले में आरोपितों से लंबे समय बाद भी वसूली नहीं हो पाई है। ऐसे में अपनी राशि के लिए खाता धारक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है। लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही ही। जिला प्रशासन को भी कई बार अवगत कराया है।
समिति से जुड़े महेश मालव ने बताया कि करीब डेढ़ सो ग्रामीणों ने समिति में लेनदेन किया था। ऐसे में तारज सहकारी समिति के तत्कालीन व्यवस्थापक बाबूलाल मालव व सहायक व्यवस्थापक रमेशचन्द शर्मा ने मिलीभगत कर मिनी बैंक से सदस्यों की 1.72 करोड़ रुपए की राशि का गबन कर लिया था।
इसके बाद सहायक व्यवस्थापक ने गबन की राशि से कोटा जिले के कनवास तहसील के नियाना गांव में 20 बीघा भूमि खरीद ली गई थी। जब 2015 मे गबन का पता लगने पर ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष ज्ञानचन्द मालव ने प्रबन्धक निदेशक को पत्र लिखकर गबन से अवगत करवाया, लेकिन 2 साल तक ऋण पर्यवेक्षक कन्हैयालाल अहीर ने जांच के नाम पर लीपापोती करने पर जांच अधिकारी बदल कर जिला स्तर से कार्यकारी निरीक्षक भैरूसिंह पालावत को लगाया । जहा जांच में दोनो कर्मचारी दोषी पाए जाने पर सहकारी समिति अध्यक्ष ने इसी बीच सारोला थाने में गबन का मुकदमा दर्ज कराया। इस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश कर दिया। गबन की राशि वसूल नहीं होने पर धारा 55 में दोनों आरोपियों की सम्पत्ति अटैच कर इनकी अकावद बांध डूब क्षेत्र में आई भूमि के मुआवजे का भुगतान रोक दिया। साथ ही सहायक व्यवस्थापक की कनवास में स्थित भूमि भी इसी कारवाई में शामिल कर उस पर रोक लगा दी।, लेकिन अब तक धारा 57 की जांच विचाराधीन होने से आरोपियों की सम्पत्ति को नीलाम नहीं करने से समिति सदस्यों की राशि वापस समिति में जमा नहीं हो पाई है। इसको लेकर सहकारी समिति अध्यक्ष ज्ञानचन्द मालव ने सहकारी समिति रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर व्यवस्थापक व सहायक व्यवस्थापक के विरूद्ध कार्रवाई के प्रस्ताव की प्रति देकर धारा 57 की जांच पूर्ण कर सम्पत्ति नीलाम कर सदस्यों की राशि का भुगतान दिलाने की मांग की है।लेकिन अभी तक खातेदार चक्कर लगा रहे है। सहकारी समिति रजिस्ट्रार रायसिंह मोजावत ने बताया कि गबन के मामले में जल्द ही राहत मिलेगी इस मामले में फिर से प्रयास तेज कर दिए ही।