अहमदाबाद: कुबेरनगर मंदिर के पुजारी ने की आत्महत्या, बेटे ने लगाया मानसिक प्रताड़ना के आरोप  

Ahmedabad: कुबेरनगर के एक मंदिर के पुजारी महेंद्र माइनकर ने मंदिर परिसर में आत्महत्या कर ली. पुजारी के मौत पर उनके बेटे बृजेश ने आरोप लगाया कि नगर निगम, बिल्डरों और कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा मंदिर गिराने की योजना बनाई जा रही थी, जिससे उनके पिता मानसिक तनाव में थे.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Ahmedabad News: अहमदाबाद के कुबेरनगर स्थित संतोषीमाता मंदिर में पुजारी महेंद्र मिनेकर ने आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल बन गया. पुजारी के बेटे बृजेश ने आरोप लगाया कि नगर निगम, बिल्डरों और कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा मंदिर को गिराने की योजना बनाई जा रही थी, जिससे उनके पिता गहरे मानसिक तनाव में थे.  

बृजेश ने एक वीडियो में बताया कि, उसके पिता को निगम, बिल्डरों और कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया क्योंकि वे मंदिर को गिराना चाहते थे. यह मंदिर 1972 में मेरे दादा द्वारा स्थापित किया गया था, और संतोषीनगर क्षेत्र की पहचान इसी मंदिर से है. 

पुलिस और नगर निगम ने खारिज किए आरोप  

इस पूरे मामले पर पुलिस और नगर निगम ने मंदिर तोड़ने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. जी-डिवीजन के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वी. एन. यादव ने बताया कि नगर निगम के अनुरोध पर पुलिस बल तैनात किया गया है. पुजारी के बेटे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी. फिलहाल, एक आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है.

सुसाइड नोट में बेटे से मंदिर बचाने की अपील  

सूत्रों के मुताबिक, महेंद्र मिनेकर ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था. इसमें उन्होंने अपने बेटे से मंदिर को बचाने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह भूमि उनका जन्मस्थान है और उनके परिवार एवं समाज के लिए पवित्र स्थान है.

नगर निगम की सफाई 

नगर निगम ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि संतोषीनगर, अहमदाबाद नगर निगम (AMC) के नरोड़ा वार्ड के उत्तर क्षेत्र में स्थित है. यहां लगभग 475 आवासीय झुग्गियां और 22 व्यावसायिक दुकानें हैं.  AMC के अनुसार, हाल ही में विकासकर्ता को पुनर्विकास योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे, जिसमें संतोषी माता मंदिर को सुरक्षित रखते हुए 1,251 वर्ग मीटर क्षेत्र को अलग करने का निर्णय लिया गया था. धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर को अपनी मूल स्थिति में ही बनाए रखने का फैसला लिया गया है.

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17 March 2025, 10:26 AM IST

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