महाराष्ट्र की सियासत में हलचल: देवेंद्र फडणवीस का तंज और अजित पवार की नाराजगी
महाराष्ट्र की सियासत उस वक्त गरमा गई जब डिप्टी सीएम अजित पवार अचानक कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए. इस पर देवेंद्र फडणवीस ने तंज कसते हुए कहा कि वह सीएम को बताकर जा रहे हैं ताकि किसी को नाराजगी न लगे. हालांकि NCP ने पवार की नाराजगी की खबरों को खारिज कर दिया है. क्या सच में पवार नाराज हैं या यह सियासी खेल है? जानें इस दिलचस्प घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी!
Maharastra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाने लगा है. हाल ही में डिप्टी सीएम अजित पवार की नाराजगी की खबरें सामने आई हैं. कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के बाद अचानक बाहर निकल जाने के कारण उनकी नाराजगी को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं. इसी बीच, देवेंद्र फडणवीस ने एक कार्यक्रम में मीडिया के सामने तंज कसा, जिसने इस स्थिति को और रोचक बना दिया.
अजित पवार ने हाल ही में मुंबई के सहयाद्री गेस्ट हाउस में हुई कैबिनेट की बैठक में भाग लिया लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह बैठक छोड़कर चले गए. इस बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस दोनों मौजूद थे. पवार के अचानक बाहर जाने से यह सवाल उठने लगे कि क्या वह नाराज हैं. हालांकि NCP गुट ने इस बात को खारिज किया है और कहा कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं हैं.
फडणवीस का इशारा
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक ट्रायल फ्लाइट की लैंडिंग के दौरान फडणवीस ने मीडिया से कहा कि वह सीएम को बताकर जा रहे हैं ताकि लोग न समझें कि वह नाराज होकर जा रहे हैं. इस बयान को अजित पवार की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है. फडणवीस ने यह भी कहा कि नवी मुंबई एयरपोर्ट से लोगों को काफी फायदा होगा और इसका भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
कैबिनेट में उठे सवाल
बैठक के दौरान, अजित पवार का अचानक बाहर निकलना कई सवाल खड़े करता है. सूत्रों के अनुसार, सरकार और अजित पवार के गुट के बीच कुछ मुद्दों पर बात नहीं बन रही है खासकर अलिबाग विरार कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर. हालांकि NCP के नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं कि पवार नाराज हैं.
भविष्य की रणनीति
इस घटना से स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है. फडणवीस के तंज और अजित पवार की नाराजगी ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है. अगले कुछ हफ्तों में जब विधानसभा चुनाव का समय आएगा तो यह देखना दिलचस्प होगा कि इन सब घटनाओं का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है. क्या अजित पवार और फडणवीस के बीच के रिश्ते को सुदृढ़ करने की कोशिशें होंगी? या सियासी मतभेद और बढ़ेंगे? यह सब आने वाले समय में स्पष्ट होगा.