अकाल तख्त का पंजाब सरकार को अल्टीमेटम, 24 घंटे में अमृतपाल के समर्थकों को रिहा करें
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब भी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है। उसके रोज अलग-अलग सुराग तो मिल रहे हैं लेकिन वो नहीं मिल रहा है।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब भी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है। उसके रोज अलग-अलग सुराग तो मिल रहे हैं लेकिन वो नहीं मिल रहा है। उसके देश से भागने की भी प्रबल संभावनाएं जताई जा रही है। अमृतपाल पर कार्रवाई और उसके समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद अकाल तख्त साहिब ने तल्ख तेवर अख्तियार कर लिये हैं। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख संगठनों के प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों के साथ सोमवार को एक अहम बैठक की।
बैठक के बाद उन्होंने पंजाब सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे में बेकसूर सिख युवाओं को न छोड़ा तो बड़ा एक्शन लिया जाएगा। जत्थेदार ने कहा कि सिखों के चरित्र पर हमला कर बदनाम किया जा रहा है। जत्थेदार ने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों पर रासुका लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की। इस बैठक में सिख संगठनों, बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने शिरकत की। जिसमें 18 मार्च को अमृतपाल के नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे' से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बाद पंजाब के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई।
इस बैठक में जत्थेदार ने पंजाब सरकार को सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सिख समुदाय का गुस्सा उबलता रहेगा। उन्होंने ये भी कहा कि असम में डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए लोगों को पंजाब वापस लाया जाना चाहिए, ताकि कानून अपना काम कर सके। जत्थेदार ने दावा किया कि तकरीबन 400 सिख युवकों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें 198 को रिहा कर दिया गया है, लेकिन सिख समुदाय सभी गिरफ्तार सिखों की रिहाई चाहता है।
उधर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक से उन लोगों को रिहा करने के लिए कहा है जिन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया था और उनकी किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में संलिप्तता नहीं पाई गई। जालंधर में एक कार्यक्रम में सीएम मान ने कहा कि जो भी राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।