आकाश आनंद ने मायावती से मांगी माफी, पार्टी में वापस लेने की लगाई गुहार, जानें क्या बोले
मायावती 2017 से ही अपने भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने की कोशिश में लगी थीं. उन्होंने जून 2019 में आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया था. दिसंबर 2023 में उन्होंने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित नेता आकाश आनंद ने रविवार को पार्टी सुप्रीमो और अपनी चाची मायावती से उन्हें पार्टी में वापस लेने की अपील की. एक्स पर कई पोस्ट में आनंद ने अपनी पिछली गलतियों के लिए माफ़ी मांगी और कहा कि वे सिर्फ़ मायावती को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं. उन्होंने कसम खाई कि वे अपने रिश्तेदारों, ख़ासकर अपने ससुराल वालों को पार्टी की बेहतरी में बाधा नहीं बनने देंगे.
आकाश आनंद ने अपने एक एक्स पोस्ट में लिखा, "मैं उनसे अपील करता हूं कि मेरी सभी गलतियों को माफ कर मुझे दोबारा पार्टी में काम करने का मौका दें, जिसके लिए मैं उनका सदैव आभारी रहूंगा. साथ ही भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं करूंगा जिससे पार्टी के स्वाभिमान और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचे." आनंद ने यह भी कहा कि वह सिर्फ मायावती के निर्देशों का पालन करेंगे और किसी से सलाह नहीं लेंगे. उन्होंने बीएसपी के वरिष्ठ नेताओं से सीखने का संकल्प लिया .
1. बी.एस.पी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, यू.पी. की चार बार रही मुख्यमंत्री एवं लोकसभा व राज्यसभा की भी कई बार रही सांसद आदरणीया बहन कु. मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं। आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों…
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) April 13, 2025
आकाश आनंद को बीएसपी से क्यों निकाला?
मायावती 2017 से ही अपने भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने की कोशिश में लगी थीं. उन्होंने जून 2019 में आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया था. दिसंबर 2023 में उन्होंने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया.
ससुर के साथ मिलकर लिए आनंद ने फैसले
रिपोर्ट के अनुसार, जब मायावती ने आकाश को हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में चुनाव अभियान का नेतृत्व करने का काम सौंपा, तो उन्होंने अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के साथ मिलकर पार्टी में फैसले लेने शुरू कर दिए, जिसमें उम्मीदवारों का चयन, अभियान के लिए धन जुटाना और रणनीति बनाना शामिल था. रामजी गौतम समेत मायावती के करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ पार्टी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया. बीएसपी में दो गुट उभर कर सामने आए. एक में वे लोग शामिल थे जो मायावती के करीबी माने जाते थे और दूसरा गुट आकाश आनंद के प्रति वफादार था.
पार्टी विरोधी गतिविधियों के बाद निकाला
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद मायावती के वफादारों ने उन्हें चुनाव में आकाश आनंद और अशोक सिद्धार्थ की भूमिका तथा पार्टी फंड के कथित कुप्रबंधन के बारे में जानकारी दी थी. लखनऊ में समीक्षा बैठक में मायावती ने फरवरी में अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की थी. मार्च में आकाश आनंद को पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. मायावती ने 15 जनवरी को अपने जन्मदिन समारोह के दौरान अपने छोटे भतीजे ईशान आनंद, जो उनके भाई आनंद कुमार के दूसरे बेटे हैं, के लिए पार्टी के दरवाजे खोल दिए.