ग्वालियर में अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन: बैंक में हंगामे के बीच श्रद्धालुओं ने तोड़ी कुर्सियां, पुलिस ने संभाला!
ग्वालियर में अमरनाथ यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हुई तो श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, लेकिन जैसे ही बैंक में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ माहौल बेकाबू हो गया. कुर्सियां टूटीं, नारे लगे और पुलिस बुलानी पड़ी. सर्वर डाउन, गर्मी, अव्यवस्था और आस्था के बीच कैसा रहा पहला दिन? जानिए पूरी खबर में...

Amarnath Yatra Registration: गर्मी अपने चरम पर है और श्रद्धालु अपने अरमानों के साथ अमरनाथ यात्रा के लिए उमड़े, लेकिन मध्यप्रदेश के ग्वालियर में अमरनाथ यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत ऐसे विवादों में घिर गई, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. मंगलवार को पंजाब नैशनल बैंक (PNB) की नया बाजार शाखा पर कुछ ऐसा हुआ, जिसने भक्तों को गुस्से से भर दिया और बैंक को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया.
रजिस्ट्रेशन का पहला दिन लेकिन शुरुआत से ही गड़बड़
14 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होने थे लेकिन अंबेडकर जयंती की छुट्टी के कारण प्रक्रिया मंगलवार से चालू हुई. सुबह से ही लोग मेडिकल, पहचान पत्र और फॉर्म लेकर बैंक के बाहर जमा होने लगे. करीब 1000 से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचे, लेकिन जब 12 बजे तक भी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो लोगों का सब्र टूट गया. बैंक ने वजह बताई – 'सर्वर डाउन है' लेकिन जनता के गुस्से के आगे यह बहाना नहीं चला.
कुर्सियां टूटीं, नारे लगे, पुलिस आई
रजिस्ट्रेशन न होने से गुस्साए श्रद्धालुओं ने बैंक में घुसकर कुर्सियां तोड़ दीं. नारेबाजी शुरू हुई और माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया. स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा, जिसने मोर्चा संभाला और धीरे-धीरे स्थिति को काबू में लिया.पुलिस ने पांच-पांच लोगों को अंदर भेजकर रजिस्ट्रेशन शुरू कराया. लेकिन कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिलाओं के साथ अभद्रता भी की. इतना ही नहीं, भीषण गर्मी में न बैंक ने छांव की व्यवस्था की और न ही पानी का इंतजाम किया.
श्रद्धालुओं का गुस्सा: 'ना ऑनलाइन लिंक चली, ना ऑफलाइन काम हुआ'
कई श्रद्धालुओं ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की लिंक भी ओपन नहीं हो रही थी, और अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में भी अव्यवस्था दिखी. एक यात्री महेंद्र शर्मा ने कहा, “बैंक ने दोपहर 12 बजे तक कोई तैयारी नहीं की थी, ऐसे में भीड़ तो नाराज़ होगी ही.”
क्या कहता है ये मामला?
इस घटना ने साफ कर दिया कि भीड़ को मैनेज करना सिर्फ भक्तों की नहीं, प्रशासन और बैंक की भी जिम्मेदारी है. तकनीकी खामियों और व्यवस्थाओं की कमी से ऐसी पवित्र यात्रा की शुरुआत में ही लोगों को निराशा हाथ लगी. अमरनाथ यात्रा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी होती है, ऐसे में प्रशासन को ऐसी लापरवाही से बचना चाहिए. भीड़ जुटने की पूरी उम्मीद थी, ऐसे में पूर्व तैयारियां न होना बड़ी चूक रही. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह अव्यवस्था ठीक होगी और श्रद्धालुओं को फिर से भरोसा मिलेगा.