पहली मुलाकात में कोई भी लड़की लड़के के साथ होटल में..., बॉम्बे HC ने रेप आरोपी को किया बरी

Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बलात्कार के एक दोषी को बरी कर दिया है. कोर्ट जके अनुसार, कोई भी समझदार लड़की पहली बार किसी अनजान लड़के से मिलने के लिए होटल के कमरे में नहीं जाएगी क्योंकि किसी प्राइवेट जगह पर ऐसी मुलाकात लड़के के बारे में खतरनाक संकेत देगी.  इस बीच जस्टिक गोविंद सनप ने कहा कि मेरे विचार में होटल के कमरे में घटना का होना अविश्वसनीय लगता है. 

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Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने बलात्कार के एक दोषी को बरी करते हुए कहा कि कोई भी समझदार लड़की पहली बार किसी अनजान लड़के से मिलने के लिए होटल के कमरे में नहीं जाएगी क्योंकि किसी प्राइवेट जगह पर ऐसी मुलाकात लड़के के बारे में 'खतरनाक'  संकेत देगी.  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ की अध्यक्षता करने वाले जस्टिस  गोविंद सनप ने कहा, 'मेरे विचार में, घटना के बारे में पीड़िता के साक्ष्य पूरी तरह से अविश्वसनीय हैं.'  सनप ने बलात्कार मामले में पीड़िता के संस्करण को खारिज कर दिया, जिसने दावा किया था कि वह होटल के कमरे में पहुंचने से पहले फेसबुक के जरिए दोषी से मिली थी. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  जस्टिस  ने कहा, 'पीड़िता होटल में मिलने से पहले आरोपी को नहीं जानती थी.  यह उनकी पहली मुलाकात थी. उसने कहा है कि आरोपी के अनुरोध पर वह आरोपी के साथ होटल के कमरे में गई थी. मेरे विचार में, पीड़िता का ऐसा व्यवहार सामान्य समझ वाले किसी व्यक्ति के व्यवहार के अनुरूप नहीं है.'

'घटना का होना अविश्वसनीय लगता है'

इस बीच जस्टिस सनप ने आगे कहा, 'अगर किसी वादे पर लड़की किसी अनजान व्यक्ति के साथ कमरे में जाती है और अगर उसे कोई परेशानी होती है, तो वह शोर मचाने पर मजबूर हो जाती है.  पीड़िता का मामला यह नहीं है कि होटल का कमरा होटल के भीड़भाड़ वाले इलाके से बहुत दूर था. मेरे विचार में, होटल के कमरे में घटना का होना, इसलिए, अविश्वसनीय लगता है.'  

पीड़िता ने किया ये दावा

इस बीच पीड़िता ने दावा किया कि उसने चैटिंग शुरू कर दी थी और लड़के के साथ फोन नंबर का आदान-प्रदान किया था, जो बाद में फरवरी 2017 में कॉलेज में उससे मिलने आया था, जहां वह पढ़ती थी. महीनों बाद, लड़के ने उसे 'किसी जरूरी' मामले पर बात करने के लिए होटल के कमरे में बुलाया. दोनों ने सहमति से यौन संबंध बनाए लेकिन जैसा कि लड़की ने आरोप लगाया लड़के ने कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें खींची और उन्हें फेसबुक पर अपलोड कर दिया.  उसने उन्हें उसके रिश्तेदारों और परिवार के साथ भी साझा किया. 

इस वजह से दोषी को किया गया बरी 

इस दौरान कोर्ट ने  यह भी नोट किया कि मार्च 2017 में तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट किए जाने के बाद भी लड़की और उसके पिता चुप रहे क्योंकि मामला अक्टूबर 2017 में ही फिर से शुरू हुआ था.  सबूतों की कमी को देखते हुए, पीठ ने  दोषी को बरी कर दिया. यह फैसला  रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री, विशेष रूप से मेडिकल साक्ष्य और पीड़िता, उसके पिता और कुछ गवाहों द्वारा दी गई गवाही की समीक्षा पर आधारित था. 

First Updated : Thursday, 12 September 2024