66 साल की उम्र में जीती 24 साल पुरानी कानूनी 'जंग', शशिकुमार मोहतो का LLB की पढ़ाई का सपना अब होगा पूरा

LLB Admission: लॉ कॉलेज में एडमिशन से इनकार किए जाने के बाद साल 2001 से शशिकुमार मोहतो कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. अब उन्हें कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ कॉलेज में एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने कहा कि किसी छात्र को सिर्फ 12+3 = 15 साल के नियम के आधार पर दाखिला ना देना गलत है.

LLB Admission: गुजरात यूनिवर्सिटी के डीटी लॉ कॉलेज में दाखिला लेने गए शशिकुमार मोहतो को प्रवेश देने से मना कर दिया गया था. ये घटना साल 2000 की हैं. इसके खिलाफ मोहतो ने साल 2001 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 24 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उन्हें कॉलेज में एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति दे दी है. 

कोर्ट का आदेश: नियमों के पालन के साथ प्रवेश

कोर्ट ने डीटी लॉ कॉलेज को निर्देश दिया है कि वह शशिकुमार मोहतो को अगले शैक्षणिक सत्र से तीन साल के एलएलबी अभ्यासक्रम में प्रवेश दे. कोर्ट ने यह आदेश कॉलेज के सभी नियमों के पालन की शर्त पर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता मोहतो के कानूनी केस से जुड़े सारे खर्च का वहन करने का भी आदेश दिया है. 

क्यों नहीं मिला था मोहतो को प्रवेश?

शशिकुमार मोहतो ने जुलाई 2000 में तीन साल के एलएलबी पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आवेदन किया था. आवेदन फीस भरने के बावजूद उन्हें इसकी रसीद नहीं दी गई. कॉलेज ने कोर्ट में अपनी दलील में कहा कि गुजरात यूनिवर्सिटी के नियमों के मुताबिक, दाखिले के लिए कुल 15 साल के अभ्यास की आवश्यकता होती है. इसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा और 3 साल का ग्रेजुएशन शामिल है. जबकि मोहतो का कुल अभ्यास 14 साल का था, जिस कारण उन्हें प्रवेश देने से इंकार कर दिया गया. 

मोहतो की दलील: कोलकाता से पूरी की थी शिक्षा

शशिकुमार मोहतो ने कोर्ट को बताया कि साल 1987-88 में उन्हें इन्हीं सर्टिफिकेट्स के आधार पर गुजरात यूनिवर्सिटी के नव गुजरात कॉलेज में दाखिला मिला था. हालांकि, कुछ कारणों से वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए.

उन्होंने आगे बताया कि साल 1980 तक वह कोलकाता में रहे थे, जहां उस समय 11 साल की स्कूली शिक्षा के बाद 3 साल का ग्रेजुएशन कोर्स होता था. उन्होंने स्कूली शिक्षा के बाद 3 साल का बीकॉम पाठ्यक्रम पूरा किया था. इस आधार पर उनके पास एलएलबी में प्रवेश के लिए जरूरी शैक्षणिक योग्यता थी.

कोर्ट की टिप्पणी: सिर्फ 12+3 का नियम सही नहीं

कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि किसी छात्र को सिर्फ 12+3 = 15 साल के नियम के आधार पर दाखिला न देना गलत है. कोर्ट ने माना कि शशिकुमार मोहतो के पास आवश्यक योग्यता थी और उन्हें प्रवेश से वंचित करना अनुचित था.

 

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17 December 2024, 01:13 PM IST

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