Ayodhya: अयोध्या नए साल में सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का गवाह बनने जा रही है. देश दुनिया में लाखों राम भक्तों और श्रद्धालुओं के मन की कामना पूरी होने वाली है. कई साल से सैकड़ों भक्त रामलला के दिव्य-भव्य नए मंदिर में विराजने का इंतजार कर रहे हैं. इस नए साल के आने वाले 22 जनवरी को प्रभु राम की प्रतिमा का आगमन हो जाएगा.
पीएम नरेंद्र मोदी जब रामलला के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इसके बाद न केवल अयोध्या धार्मिक नगरी के रूप में बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी अधिक महत्व रखने वाला है. साथ ही यह अवध की अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार बनकर सामने आएगा. प्रभु राम की प्रतिमा का आगमन होने के बाद अयोध्या में वैभव, समृद्धि, उत्कर्ष और उल्लास के दिन वापस लौट आएंगे.
राममंदिर आंदोलन में बने रहने वाले कमलेश चतुर्वेदी ने बताया कि, अयोध्या ने सदियों तक अपमान की पीड़ा झेली है. यहां को लोगों ने अपने आराध्य के मंदिर को लूटते-टूटते और मस्जिद में बदलते देखा है. राम भक्तों को गाली और गोली खाते देखा गया है, श्रीराम को काल्पनिक कहते सुना है. इस दौरान उन्होंने कहा कि, नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना वाली अयोध्या में वर्षों बेबसी के बाद वैभव देखी जाएगी.
वहीं उनका कहना है कि, अयोध्या अब रुकने वाली नहीं है. सब नर करहिं परस्पर प्रीती, चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोग ऐसे जश्न मनाएंगे जैसे भगवान राम के जन्म उत्सव को मनाया जाता है. वहीं साल 2025 तक राम मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद अयोध्या खिलखिलाने लगेगी.
अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर वहां के लोगों की राय सामने आ रही है. शिक्षक अवनि कुमार शुक्ला का कहना है कि, देश की जिस तरह की राजनीति थी, कभी लगता नहीं था कि मंदिर बन भी पाएगा. हमेशा वोट के लिए हिंदुओं की अस्मिता को झकझोरने वाले निर्णय लिए गए हैं. मगर अब देश की राजनीति बदली, तो राजकाज भी बदल गया, आज की अयोध्या बदली राजनीति का सुफल है. First Updated : Monday, 01 January 2024