Bageshwar Dham: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- हम अनपढ़ गंवार, अंगूठा छाप आदमी, ठीक से नहीं की पढ़ाई
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं। बता दें कि हाल ही में बागेश्वर बाबा के भाई पर एक शादी समारोह में जाकर बंदूक लहराकर धमकी देने के गंभीर आरोप लगे, जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ SC-ST एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया
मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं। बता दें कि हाल ही में बागेश्वर बाबा के भाई पर एक शादी समारोह में जाकर बंदूक लहराकर धमकी देने के गंभीर आरोप लगे, जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ SC-ST एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। वहीं पीड़ित परिवार ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर धमकाने का आरोप भी लगाया है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के लगातार सुर्ख़ियों में रहने की वजह से लोग उनकी जिंदगी के बारे में कई बातों को जानने की इच्छा रख रहे हैं। वहीं हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खुद को अनपढ़ गंवार और अंगूठा छाप आदमी बोल दिया था। आइए जानते है आखिर किस बात पर बागेश्वर बाबा ने यह बात कही थी।
बता दें कि इंडिया टीवी के 'आप की अदालत' के इंटरव्यू के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भाषा पर सवाल किया गया था। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने एक पत्रकार को कहा कि वे उसे नंगा कर देंगे। यह भाषा किसी साधु या संत की नहीं हो सकती है। इस सवाल पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जवाब देते हुए कहा कि बुंदेलखंड का एक भावनात्मक शब्द है ठठेरी।
उन्होंने कहा कि जब मां बहुत गुस्से में होती हैं, तो बच्चे को कहतीं हैं कि ठठरी के बारे सुधर जा। हम गांव के भोले भाले, अनपढ़ गंवार आदमी हैं। अंगूठा छाप हैं, हमारी ठीक पढाई लिखे नहीं हुई। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि "अगर कोई साधु, रामचरितमानस या भगवान पर सवाल उठाता है तो यह भाषा निकल जाती है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भगवान को गाली दे और हम उन्हें स्वामी कहें तो हमें यह सही नहीं लगता।
उस शख्स ने कथावाचकों को पाखंडी बताया था, हमनें इसलिए ऐसा बोला था। कथावाचक पाखंडी हो सकते हैं, लेकिन जो है उसका नाम लेना चाहिए, सब नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि महापुरुषों पर कोई आरोप नहीं है, इसलिए सब कथावाचक को आप पाखंडी नहीं कह सकते। उस शख्स ने सभी कथावाचकों को पाखंडी बताया था, हमनें इसलिए उसके लिए ऐसा कहा।