विधानसभा चुनाव से पहले JDU में भूचाल, चिराग और पारस आमने-सामने, NDA की बढ़ी टेंशन
बिहार में वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू (JDU) के समर्थन के बाद पार्टी को मुस्लिम नेताओं के इस्तीफों का सामना करना पड़ रहा है. अब तक पार्टी के 5 मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू और एनडीए की मुश्किलें बढ़ गई हैं. विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरएसएस समर्थक होने का आरोप लगाया है.

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी JDU की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पार्टी द्वारा बिल को समर्थन देने के बाद अब मुस्लिम नेता एक-एक कर इस्तीफा दे रहे हैं, जिससे पार्टी के परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक में दरार साफ दिखने लगी है.
इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी हमला तेज कर दिया है. तेजस्वी यादव ने JDU पर संघ समर्थक होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वो इस कानून को रद्द कर देंगे. ऐसे में JDU के लिए मुस्लिम समुदाय का भरोसा दोबारा जीतना आसान नहीं दिख रहा.
JDU को झटका
वक्फ संशोधन विधेयक पर JDU के समर्थन से नाराज होकर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राज्य सचिव मोहम्मद शहनवाज मलिक, बेतिया जिलाध्यक्ष नदीम अख्तर, प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग, भोजपुर के मोहम्मद दिलशान रईन समेत कुल पांच मुस्लिम नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे में लिखा गया है कि इस बिल का समर्थन कर पार्टी ने अल्पसंख्यकों का भरोसा तोड़ा है और इसका असर बिहार चुनाव में साफ दिखेगा.
'चीटिश कुमार' की तस्वीर वायरल
आरजेडी ने नीतीश कुमार की एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें वह संघ की वर्दी में नजर आ रहे हैं. ट्वीट में उन्हें “Cheatish Kumar” कहा गया. तेजस्वी यादव ने कहा, “हमारी सरकार बनने पर हम इस कानून को रद्द करेंगे.” इससे साफ है कि आरजेडी इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है.
JDU का डैमेज कंट्रोल
JDU ने इस्तीफों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि ये नेता बहुत अहम नहीं थे. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “कुछ नेताओं ने बिल को गलत समझा है. हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि वे बिल को सही तरीके से समझ सकें.” उन्होंने बिल को गरीब मुस्लिमों के लिए फायदेमंद बताया.
पासवान ने जताई नाराजगी
लोजपा (रामविलास) भी मुस्लिम नेताओं के निशाने पर आ गई है. पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, “मैं मुस्लिम समुदाय की नाराजगी समझता हूं और उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं.” उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान को याद करते हुए कहा, “2005 में उन्होंने मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग कर अपनी पार्टी तक गंवा दी थी. मैं भी उन्हीं के सिद्धांतों पर चला हूं.”
पासवान के चाचा ने भी जताई नाराजगी
राष्ट्र्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने भी बिल की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह कानून एक खास समुदाय की भावनाओं को आहत करता है. माना जा रहा है कि पारस अब आरजेडी के साथ सियासी समीकरण साधने की कोशिश में हैं.
मुस्लिम वोट बैंक को लेकर चिंता बढ़ी
2014 के बाद से JDU और LJP दोनों का मुस्लिम वोट बैंक लगातार कम हुआ है. बीजेपी के साथ गठबंधन ने इस वर्ग में इनकी विश्वसनीयता पर असर डाला है. वक्फ बिल पर समर्थन के बाद अब यह संकट और गहराता दिख रहा है, जिससे चुनाव में इसका बड़ा राजनीतिक नुकसान हो सकता है.
मुस्लिम समर्थन खोने का डर
JDU और LJP जैसे दल जो खुद को सोशल जस्टिस का पक्षधर मानते हैं, अब मुस्लिम समुदाय में खुद को साबित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं RJD और विपक्ष को मौका मिल गया है कि वे NDA सरकार को असंवेदनशील और सांप्रदायिक बता सकें.