Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में गतिविधियां तेज हो गई हैं. सभी दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. इस बीच, शरद पवार की एनसीपी को एक बड़ा झटका लगा है. शरद पवार इंदापुर के दौरे पर थे, लेकिन जब वे वापस लौटे, तब पार्टी में फूट का मामला सामने आया. इंदापुर में शरद पवार गुट के असंतुष्ट नेता अप्पासाहेब जगदाले ने अजित पवार गुट के उम्मीदवार दत्तात्रय भरणे को समर्थन देने का ऐलान किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जगदाले ने इंदापुर सीट से शरद पवार गुट के नेता हर्षवर्धन पाटिल की उम्मीदवारी पर असंतोष व्यक्त किया था. उन्होंने कहा कि वे झूठ बोलने वाले व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकते. शरद पवार के इंदापुर दौरे का उद्देश्य जगदाले की नाराजगी को दूर करना था, लेकिन उनके लौटते ही जगदाले ने समर्थन का ऐलान कर दिया. ऐसा माना जा रहा है कि जगदाले जल्द ही एनसीपी के अजित पवार गुट में शामिल हो सकते हैं.
जगदाले ने दत्तात्रय भरणे का समर्थन करने के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में उनके लिए चुनाव प्रचार करने की भी योजना बनाई है. उन्होंने हर्षवर्धन पाटिल पर आरोप लगाया कि वह जनता के सामने झूठ बोलते हैं और इसी कारण उन्होंने अपना पद छोड़ने की घोषणा की. इस फैसले से शरद पवार की पार्टी इंदापुर सीट पर कमजोर पड़ सकती है.
आज शरद पवार इंदापुर में थे और उन्होंने उन पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की जो हर्षवर्धन पाटिल को टिकट देने के खिलाफ थे. हालांकि, उन्होंने जगदाले और विद्रोही उम्मीदवार प्रवीण माने से मिलने से परहेज किया. इसके बाद ही जगदाले ने अपने फैसले का ऐलान कर दिया. जगदाले का पाला बदलना हर्षवर्धन पाटिल के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मुख्य रूप से दो गठबंधनों के बीच हो रहा है. एक तरफ है सत्ताधारी महायुति, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार गुट की एनसीपी शामिल हैं. दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी है, जिसमें उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना, शरद पवार गुट की एनसीपी और कांग्रेस हैं. सभी राजनीतिक दलों ने सीटों के वितरण का फॉर्मूला तय कर लिया है और उम्मीदवारों के नाम भी घोषित हो चुके हैं.
सोमवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन है. दोनों गठबंधनों में करीब 50 ऐसे बागी नेता हैं, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं. अब राजनीतिक दलों के पास बागियों को मनाने के लिए कुछ ही घंटे बचे हैं. First Updated : Sunday, 03 November 2024