Bhangarh Fort: भारत में भूत-प्रेत और आत्माओं से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. इन कहानियों में रहस्यमयी घटनाओं, अजीब घटनाओं और आत्माओं के दर्शन की बातें होती हैं, जो अक्सर डर और रहस्य का एहसास कराती हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो भूतों की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है. यह न सिर्फ डरावनी हैं, बल्कि उनकी अपनी एक दिलचस्प ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं भानगढ़ किला की जिसे 17वीं शताब्दी में आमेर के मुगल सेनापति मानसिंह के छोटे भाई राजा माधोसिंह ने बनवाया था. हालांकि, आज यह किला वीरान पड़ा हुआ है और इसके खंडहरों में हवेलियां, मंदिर और बाजार के अवशेष दिखते हैं. सबसे अजीब बात यह है कि यहां बने घरों की छतें गायब हैं, और ऐसा कहा जाता है कि ये छतें गिर जाती हैं क्योंकि यह स्थान श्राप से प्रभावित है.
कहा जाता है कि भानगढ़ के महाराज माधोसिंह एक संत बालूनाथ के भक्त थे. बालूनाथ ने महाराज से गुफा बनाने की मांग की थी, जहां वह तपस्या करना चाहते थे. लेकिन कुछ जलन भरे पुजारियों ने राजा और संत के बीच दरार डालने के लिए एक गुफा में मृत बिल्ली डाल दी, जिससे बदबू फैलने लगी और राजा ने गुफा बंद कर दी. जब संत ने तपस्या पूरी की और बाहर निकलने की कोशिश की तो उन्होंने गुस्से में आकर भानगढ़ को पूरी तरह से तबाह करने का श्राप दे दिया. इसके बाद से किले की छतें गिरने लगीं और आज तक ऐसा ही हो रहा है.
एक और प्रसिद्ध कहानी भानगढ़ किले से जुड़ी हुई है, जो राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक सिंधिया की है. यह तांत्रिक राजकुमारी से शादी करना चाहता था और उसने एक जादुई तेल तैयार किया था, जिसे छूने पर रत्नावती उस तांत्रिक के पास खींची चली आती. हालांकि, राजकुमारी ने इसे पहचान लिया और तेल की शीशी को पत्थर पर फेंक दिया, जो तांत्रिक के ऊपर गिरा और उसकी मौत हो गई. इसके बाद तांत्रिक ने किले को नष्ट होने और इस स्थान पर किसी के भी न रहने का श्राप दे दिया.
भानगढ़ किला आज भी एक आकर्षण का केंद्र है. लोग यहां दिन के समय आते हैं और किले के खंडहरों की तस्वीरें लेते हैं. लेकिन सूर्यास्त के बाद कोई भी यहां नहीं रुकता है, क्योंकि कहा जाता है कि रात में यहां आत्माओं की गतिविधियां होती हैं. कुछ लोग यहां से औरतों के रोने की आवाजें और चूड़ियां टूटने की आवाजें सुनने का दावा करते हैं.
अगर आप भी इस रहस्यमयी किले का अनुभव करना चाहते हैं, तो आप बस या टैक्सी का सहारा ले सकते हैं. इस किले के साथ-साथ अलवर के बाला फोर्ट और अलवर सिटी पैलेस को भी देख सकते हैं. First Updated : Wednesday, 04 December 2024