छत्तीसगढ़ पत्रकार हत्याकांड का खुला राज, चचेर भाई ने ही किया था मुकेश चंद्राकर के सिर पर वार
Journalist murder case: छत्तीसगढ़ में पत्रकार हत्याकांड में बड़ा मोड़ सामने आया है. मुख्य आरोपियों में से एक मृतक का चचेरा भाई निकला है. दो दिन पहले लापता हुए स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव सेप्टिक टैंक में मिला. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक ठेकेदार भी शामिल है, जिसके ठेके पर मुकेश ने पहले रिपोर्टिंग की थी. पूछताछ और जांच में पता चला है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर चचेरे भाई थे.
Journalist murder case: छत्तीसगढ़ के स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है. हत्या का मुख्य आरोपी और कोई नहीं, बल्कि मृतक का चचेरा भाई निकला. पत्रकार मुकेश का शव सेप्टिक टैंक में मिला था. इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि हत्या पारिवारिक विवाद और पेशेगत दुश्मनी का नतीजा थी. इस घटना ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है, जबकि पुलिस ने केस की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है.
पुलिस के अनुसार, घटना 1 जनवरी की रात की है. मुकेश चंद्राकर और उनके चचेरे भाई रितेश चंद्राकर के बीच पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों पर बातचीत हो रही थी. बातचीत के दौरान दोनों बीजापुर के चट्टान पारा में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के शेड में पहुंचे. वहीं, खाना खाने के दौरान विवाद ने तूल पकड़ लिया.
लोहे की रॉड से की गई निर्मम हत्या
विवाद के बीच, रितेश ने योजनाबद्ध तरीके से शेड में मौजूद सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश पर हमला कर दिया. लोहे की रॉड से सिर, छाती, पेट और पीठ पर वार करने से मुकेश की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद, शव को ठिकाने लगाने के लिए आरोपियों ने उसे पास के सेप्टिक टैंक में डाल दिया और उसे स्लैब से ढक दिया.
हत्या के बाद सबूत मिटाने की साजिश
हत्या के बाद रितेश ने अपने बड़े भाई दिनेश चंद्राकर को घटना की जानकारी दी. इसके बाद तीनों आरोपी—रितेश, महेंद्र, और दिनेश—ने सबूत मिटाने की साजिश रची. उन्होंने घटना में प्रयुक्त हथियार और मोबाइल को अलग-अलग स्थानों पर ठिकाने लगा दिया.
फर्शिंग से छिपाया शव
2 जनवरी की सुबह, दिनेश ने घटना स्थल पर सेप्टिक टैंक की फर्शिंग नए सिरे से कर दी ताकि शव का पता न चले. वहीं, रितेश चंद्राकर रायपुर होते हुए दिल्ली भाग गया.
तीन आरोपी गिरफ्तार, ठेकेदार फरार
पुलिस ने रितेश, दिनेश और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य आरोपी ठेकेदार और कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर अब भी फरार है. पुलिस की चार टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं.
संपत्तियों और खातों पर कसा शिकंजा
ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की संपत्तियों और बैंक खातों पर पुलिस की निगरानी है. अब तक उनके तीन बैंक खाते होल्ड कर दिए गए हैं और अवैध निर्माण यार्ड को ध्वस्त किया जा चुका है. छत्तीसगढ़ सरकार ने ठेकेदार के निर्माण स्थलों पर भी बुलडोजर चलाने का आदेश दिया है. पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) ने इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है.