महिला सशक्तीकरण की दिशा में महाराष्ट्र सरकार का बड़ा कदम, जानें क्या है मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना?
Ladki Bahin Yojana: महिला सशक्तिकरण की दिशा में महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. ‘लड़की बहिन योजना’ नाम की ये पहल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शुरू की गई. इसका उद्देश्य महिलाओं के आत्मनिर्भर बनाने और आय का एक सुनिश्चित स्रोत प्रदान करना है.
Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शुरू की गई ‘लड़की बहिन योजना’ को महिलाओं के आत्मनिर्भर बनाने और आय का एक सुनिश्चित स्रोत प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है.
इस योजना को प्रदेश की महायुति सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी स्कीमों में से एक माना जा रहा है. इस स्कीम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है. योजना की शुरुआत रक्षाबंधन के दिन की गई थी और अब तक लाखों महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं.
मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना के लाभ
लड़की बहिन योजना के माध्यम से महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपये की राशि दी जाती है. इसके जरिए उन्हें अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. कई महिलाओं ने इस योजना से प्राप्त धनराशि से छोटे व्यवसाय शुरू किए हैं, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता मिली है. इस योजना से अब तक पात्र महिलाओं के खातों में 7500 रुपये जमा किए जा चुके हैं.
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा
महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह योजना बेहद सफल रही है. अब तक लगभग ढाई करोड़ महिलाएं इस योजना के लिए पंजीकृत हो चुकी हैं. सरकार की तरफ से योजना को पारदर्शी तरीके से लागू किया गया है और पात्रता के सभी मापदंडों का पालन कर लाभार्थियों का चयन किया गया है.
योजना पर विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने योजना की आलोचना करते हुए इसे बंद कराने की कोशिशें भी की हैं. गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि विरोधियों ने योजना को विफल करने के लिए गलत फॉर्म भरवाए और पोर्टल पर जंक डेटा अपलोड किया. इसके बावजूद महायुति सरकार ने योजना को लागू रखा और महिलाओं तक आर्थिक सहायता पहुंचाने में सफल रही.
सोशल मीडिया पर फैलाई अफवाहें
योजना के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी अफवाहें फैलाई गईं. कुछ लोगों ने दावा किया कि यह योजना केवल चुनिंदा लाभार्थियों के लिए है और सरकार अपने वोटरों को ही लाभ पहुंचा रही है. लेकिन सरकार ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि योजना को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया गया है और सभी पात्र लाभार्थियों को इसका लाभ दिया जा रहा है.