पटना में BPSC परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. आज छात्रों ने बिहार बंद का ऐलान किया और इस बंद के समर्थन में भीम आर्मी और AIMIM जैसे संगठन भी शामिल हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने पटना के विभिन्न इलाकों में आगजनी की और सड़क पर टायर जलाकर यातायात को बाधित किया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
छात्रों का आरोप है कि BPSC 70वीं परीक्षा में गड़बड़ियां हुई हैं, जिससे उनका भविष्य प्रभावित हुआ है. इस प्रदर्शन के दौरान पटना के कई प्रमुख क्षेत्रों में यातायात थम गया, और सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई. आगजनी की घटनाओं के कारण कई गाड़ियां भी जल गईं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 70th PT Exam) में कई छात्रों ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है. परीक्षा के दिन, विशेष रूप से पटना के बापू एग्जाम सेंटर पर, छात्रों को देरी से पेपर मिला और पेपर की सील भी पहले से खुली हुई थी. इसके बाद छात्रों ने गुस्से में आकर दूसरे परीक्षा कक्षों में जाकर पेपर फेंक दिए थे. यह घटना सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हुई थी.
इन गड़बड़ियों के बाद, छात्र लगातार इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, 4 जनवरी को 12 हजार छात्रों के लिए री-एग्जाम भी आयोजित किया गया था, लेकिन छात्र चाहते हैं कि पूरी परीक्षा नए सिरे से पारदर्शी तरीके से कराई जाए.
पटना में छात्रों ने गुस्से में आकर जगह-जगह आगजनी की. छात्रों ने सड़क पर टायर जलाए और यातायात को पूरी तरह से बाधित कर दिया. इससे न केवल यात्री परेशान हुए, बल्कि पुलिस प्रशासन भी प्रदर्शनकारियों से निपटने में विफल नजर आया. कई इलाकों में पुलिस का दिखाई न देना सवालों के घेरे में है.
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने इस आंदोलन का समर्थन किया और बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग की. उन्होंने पप्पू यादव के समर्थकों ने पटना में भयंकर बवाल मचाया और सड़क पर आगजनी की.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने पहले गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च भी किया. छात्रों की प्रमुख मांग है कि बीपीएससी परीक्षा को रद्द कर इसे पारदर्शी तरीके से फिर से आयोजित किया जाए.
इससे पहले पटना में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल से छात्रों का गुस्सा और भी बढ़ गया. छात्रों का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे.
इस मामले में अब तक बिहार सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. छात्र संगठन और विपक्षी दलों का कहना है कि अगर सरकार जल्द ही छात्रों की मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो आंदोलन और तेज हो सकता है.
पटना में बढ़ते इस छात्र आंदोलन ने बिहार सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. अब देखना यह है कि बिहार सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है और छात्रों की शिकायतों को कैसे हल करती है. यदि सरकार इस पर जल्द कोई समाधान नहीं खोज पाई, तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है. First Updated : Sunday, 12 January 2025