UPSC Success Story: यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. लेकिन बिहार की बेटी श्वेता भारती ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. श्वेता ने 9 घंटे की नौकरी के साथ पढ़ाई करते हुए यूपीएससी परीक्षा पास की और IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया. उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर है.
बता दें कि श्वेता दिन में 9 घंटे की नौकरी और रात में पढ़ाई करते हुए, श्वेता ने यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया. उनकी यह कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किल हालातों के बावजूद अपने सपनों को हासिल करना चाहते हैं.
श्वेता भारती का जन्म बिहार के नालंदा जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था. पढ़ाई में शुरू से ही होशियार श्वेता ने 12वीं तक की शिक्षा पटना के इशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से पूरी की. इसके बाद भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें देश की नामी कंपनी विप्रो में नौकरी मिल गई.
विप्रो जैसी कंपनी में नौकरी करने के बावजूद श्वेता का सपना आईएएस अधिकारी बनने का था. हालांकि, परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला नहीं किया. दिन में 9 घंटे की नौकरी और रात में पढ़ाई करते हुए उन्होंने सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की.
श्वेता भारती ने 2020 में BPSC 65 वीं परीक्षा में 65वीं रैंक हासिल की और कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) के तौर पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली. लेकिन उनका लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना था. नौकरी के साथ-साथ वह यूपीएससी की तैयारी करती रहीं और आखिरकार 2021 में 356 वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास कर ली.
श्वेता भारती वर्तमान में बिहार के भागलपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. उनकी सफलता की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपने को पूरा करने की कोशिश कर रहा है.
1. समय का प्रबंधन: नौकरी के साथ पढ़ाई करना आसान नहीं होता. श्वेता ने दिन में काम और रात में पढ़ाई कर अपने समय का बेहतरीन उपयोग किया.
2. सपनों के प्रति स्पष्टता: विप्रो जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी मिलने के बावजूद उन्होंने अपने सपने को प्राथमिकता दी.
3. धैर्य और मेहनत: सफलता रातों-रात नहीं मिलती. श्वेता ने लगातार मेहनत और धैर्य से अपने लक्ष्य को हासिल किया.
श्वेता भारती की कहानी हमें सिखाती है कि अगर आप अपने सपने को लेकर दृढ़ हैं और कड़ी मेहनत करने को तैयार हैं, तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान हो सकता है. First Updated : Sunday, 12 January 2025