Mukhtar Ansari Biography: देश को विजेता बनाकर शहीद हो गए थे मुख्तार के नाना दादा भी थे गांधी जी के करीबी दोस्त

Mukhtar Ansari अब इस दुनिया में नहीं रहे. गुरुवार शाम दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया है. इस खबर में जानिए कि मुख्तार अंसारी किस परिवार से आते हैं.

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Mukhtar Ansari Biography: बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी का निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि गुरुवार को बांदा जेल में मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया और वहां उनकी मौत हो गई है. इससे दो दिन पहले भी मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी थी. जिसके चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया था और उन्हें कई घंटों के लिए आईसीयू में दाखिल कराया गया था. मुख्तार अंसारी लंबे अरसे से जेल में कैद थे. कई मामलों में उन्हें मुजरिम करार दिया गया था. वहीं कुछ मामलों पर अदालत में सुनवाई जारी थी.

कांग्रेस के अध्यक्ष रहे मुख्तार अंसारी के दादा:
मुख्तार अंसारी गाजीपुर जिले के रहने वाले थे. 3 जून 1963 को उनका जन्म हुआ था और जिले में उनकी तूती बोलती थी. गाजीपुर जिले में मुख्तार अंसारी उनके परिवार शिनाख्त एक सियासी परिवार के तौर पर होती है. बताया जाता है कि मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्हें गांधी के साथियों में शुमार किया जाता है. इसके अलावा वो कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं. एक जानकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी के दादा 1926-27 के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. मुख्तार के दादा के नाम पर दिल्ली में एक रोड का नाम भी रखा गया है. वहीं पिता की बात करें तो उनके पिता सुब्हानउल्लाह अपनी बेहतरीन राजनीति के लिए पहचाने जाते थे.

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1947 की जंग में शहीद हुए नाना:
मुख्तार अंसारी का ना सिर्फ ददिहाल बल्कि ननिहाल भी राजनीति के लिए पहचाना जाता है. एक जानकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी के नाना भी स्वतंत्रता सेनानियों में से थे. 1947 में उन्होंने शहादत का जाम पिया था. मुख्तार के नाना का नाम ब्रिगेडियर उस्मान था. उन्होंने फौज की तरफ से नवशेरा की लड़ाई हिंदुस्तान की जीत में अहम किरदार अदा किया था और इसी जंग में अपनी जान न्योछावर कर दी थी.  इसके अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं.

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कुछ लोगों के लिए मसीहा भी थे मुख्तार:
मुख्तार अंसारी को क्राइम के बड़े चेहरे को तौर पर देखा जाता था. हालांकि एक बहुत बड़ा तबका उनको हमदर्द के तौर पर जानता था. मुख्तार अंसारी पिछले 24 वर्षों से विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. मुख्तार अंसारी सिर्फ खौफ का नाम नहीं था बल्कि बहुत से गरीब और बेसहारा लोगों के लिए वो मसीहा भी बने थे. भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दें तो मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की लगभग सभी सियासी पार्टियों में रहे हैं.  First Updated : Thursday, 28 March 2024

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