हरियाणा चुनाव में बीजेपी की दिक्कतें, कंगना और बृजभूषण के बयानों से बढ़ी मुश्किलें

हरियाणा चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. पहले कंगना रनौत ने किसान आंदोलन पर विवादित टिप्पणी की और अब बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के आंदोलन पर तीखे बयान दिए हैं. बृजभूषण के बयान, जिनमें उन्होंने महिला और खेल जगत को लेकर विवादित टिप्पणियां की जो बीजेपी की महिला वोटबैंक और खेल नीति पर असर डाल सकते हैं. इसके अलावा, जाट और किसान समुदाय की नाराजगी भी पार्टी के लिए चिंता का विषय है. क्या ये बयान बीजेपी की चुनावी रणनीति को उलट देंगे?

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Edited By: JBT Desk

Haryana Election: हरियाणा चुनाव में बीजेपी के नेताओं के बयान पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ा रहे हैं. पहले कंगना रनौत ने किसान आंदोलन पर टिप्पणी की और अब बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के आंदोलन को लेकर बयान दिए हैं.

कंगना और बृजभूषण के बयान महिला मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं. बृजभूषण ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया पर तीखे आरोप लगाए है. जिनमें एक बयान में उन्होंने महाभारत का जिक्र किया है और विनेश को लेकर विवादित टिप्पणियां कीं है. हरियाणा में महिला मतदाता काफी महत्वपूर्ण हैं और ऐसे बयान बीजेपी के महिला वोटबैंक को असहज कर सकते हैं.

खेल और खिलाड़ियों की सियासत

बृजभूषण के बयान खेल जगत से जुड़े लोगों को भी प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने विनेश के ओलंपिक में भागीदारी पर सवाल उठाए हैं जो बीजेपी की खेल नीति को कमजोर कर सकते हैं. बीजेपी खेलो इंडिया जैसे अभियानों को अपनी उपलब्धि मानती है और इस तरह के बयान उसकी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

जाट-किसान सेंटिमेंट

हरियाणा में जाट और किसान पहले से ही नाराज हैं. ऐसे में कंगना रनौत के बयान ने उनकी नाराजगी को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है. बृजभूषण के बयान जाट समुदाय की भावनाओं को आहत कर सकते हैं, जिससे बीजेपी की स्थिति कमजोर हो सकती है. इसके साथ ही माना तो ये भी जा रहा है की विनेश फोगाट की कांग्रेस में एंट्री जाट और किसान वोटरों को कांग्रेस के पक्ष में ला सकती है.

विनेश और बजरंग की प्रभाविता

एक सर्वे के अनुसार, विनेश और बजरंग की कांग्रेस में एंट्री से कांग्रेस को फायदा हो सकता है. सर्वे में 41% लोगों ने कहा कि इससे कांग्रेस को लाभ होगा, जबकि 23% का मानना है कि इसका कोई खास असर नहीं होगा. इन बयानों के चलते बीजेपी को चुनावी नुकसान हो सकता है और पार्टी की रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत हो सकती है. 

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09 September 2024, 08:27 PM IST

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