Action On Illegal Mosque: मुंबई के धारावी इलाके में महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद को लेकर तनाव बढ़ गया है. बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) की टीम ने मस्जिद के अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई शुरू की, जिससे इलाके में हंगामा हो गया. भीड़ ने न केवल रास्ते को जाम कर दिया, बल्कि बीएमसी की गाड़ियों पर हमला भी किया. कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए और स्थिति बिगड़ने लगी. गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भारी संख्या में जवानों को तैनात किया है. पुलिस अधिकारियों ने बीएमसी अधिकारियों के साथ मुस्लिम समुदाय के नेताओं से बातचीत शुरू की है ताकि मामला शांत किया जा सके.
बीएमसी के अधिकारियों के आने से पहले ही सैकड़ों लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे. रातभर चले इस प्रदर्शन ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया. अभी भी स्थिति काफी हद तक नियंत्रित है.
धारावी की सुभानिया मस्जिद काफी पुरानी है. इसे बीएमसी ने अवैध घोषित किया है. बीएमसी के अनुसार, मस्जिद का निर्माण गैरकानूनी तरीके से हुआ था और इसे गिराने का आदेश दिया गया है. इस फैसले का मुस्लिम समुदाय ने जमकर विरोध किया है. मस्जिद के समर्थकों का कहना है कि यह धार्मिक स्थल बहुत पुराना है और उसे गिराना सही नहीं है.
इस मामले को लेकर स्थानीय कांग्रेस सांसद प्रो. वर्षा गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की. उन्होंने मुख्यमंत्री से मस्जिद को लेकर बीएमसी की कार्रवाई पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया और बताया कि इस फैसले से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया है और स्थिति को नियंत्रित करने का वादा किया है.
इस तनाव का मुख्य कारण एक चिट्ठी है, जिसमें मस्जिद के डिमोलिशन की सूचना दी गई थी. इस चिट्ठी के अनुसार, बीएमसी की टीम 21 सितंबर को पुलिस सुरक्षा के साथ मस्जिद को गिराने आने वाली थी. यह सूचना मिलते ही मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मस्जिद की हिफाजत के लिए जमा हो गए.
महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद काफी पुरानी बताई जा रही है. ये ग्राउंड प्लस 2 मंजिल की थी, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण इसे ऊंचा किया गया. मस्जिद के कुछ हिस्से में बारिश के कारण मरम्मत का काम भी हुआ था. मस्जिद में निर्माण कार्य तीन साल पहले शुरू हुआ था और अब जाकर यह पूरी तरह से तैयार हुई है. बीएमसी का कहना है कि यह निर्माण अवैध है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे पुरानी धार्मिक धरोहर के रूप में मान्यता दिलाना चाहता है.