बॉम्बे HC ने केंद्र को दिया बड़ा झटका, फैक्ट चेक यूनिट को किया खारिज, जानें मामला

Bombay HC: बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने सरकार द्वारा लागू किए गए संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम, 2021 को असंवैधानिक करार दिया है. इन नियमों के तहत सरकार को फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) के माध्यम से सोशल मीडिया पर 'फर्जी खबरों' की पहचान करने का अधिकार दिया गया था.

JBT Desk
JBT Desk

Bombay HC: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज यानी शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम, 2021 को 'असंवैधानिक' करार दिया है. इन नियमों के तहत सरकार को 'फैक्ट चेक यूनिट' (एफसीयू) के माध्यम से सोशल मीडिया पर 'फर्जी खबरों' की पहचान करने का अधिकार दिया गया था. जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर ने इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया और नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को स्वीकार कर लिया.  

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  जस्टिस चंदुरकर ने जस्टिस गौतम एस. पटेल की राय से सहमति जताते हुए कहा कि नियम 3(1)(बी) (वी) संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 (1) (ए) और 19 (1) (जी) का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि 'नकली, झूठा या भ्रामक' जैसे शब्द बहुत अस्पष्ट हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह नियम आईटी अधिनियम के दायरे से बाहर है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए. सभी याचिकाओं को खंडपीठ के समक्ष रखा जाएगा. 

एफसीयू का गठन

केंद्र सरकार ने 20 मार्च को एफसीयू को एक वैधानिक निकाय के रूप में अधिसूचित किया था, जिसके पास सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी को चिह्नित करने की शक्तियां थीं.  इस साल जनवरी में, बॉम्बे हाईकोर्ट की दो जजों की पीठ ने इस पर विभाजित फैसला सुनाया था. 

याचिकाकर्ताओं की अपील

कई याचिकाकर्ताओं, जिनमें स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया शामिल हैं, ने एफसीयू के प्रभाव पर रोक लगाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि जब तक तीसरे जज की राय नहीं आती, तब तक इसका गठन नहीं किया जाना चाहिए. 

केंद्र सरकार का तर्क

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एफसीयू केवल सरकारी मामलों से संबंधित झूठी जानकारी को पहचान सकता है, लेकिन इसे हटाने का अधिकार नहीं है. उन्होंने तर्क किया कि यह संशोधन आवश्यक था ताकि देश में हिंसा भड़काने वाले विदेशी तत्वों पर अंकुश लगाया जा सके. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि झूठी जानकारी का सामना बिना अनावश्यक कार्रवाई के किया जा सकता है, और यह कि सरकारी पहचान के कारण मध्यस्थों को सामग्री हटाने के लिए मजबूर किया जा सकता है. 

calender
20 September 2024, 06:44 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!