Bombay Rape Case: दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को बलात्कार की शिकार हुई 14 वर्षीय युवती की याचिका पर सुनवाई हुई. दरअसल लड़की 28 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. बता दें कि लड़की की मां ने दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई करने के लिए पोस्ट की थी. कोर्ट ने 14 साल की लड़की की मेडिकल जांच करने के लिए मुंबई के एक अस्पताल को आदेश दिए थे.
अस्पताल की रिपोर्ट आने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने लड़की को गर्भपात कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद लड़की की मां अपनी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची. हाई कोर्ट का कहना था कि "लड़की की गर्भावस्था अंतिम चरण में है और इसे समाप्त करने से जीवित बच्चे का जन्म होगा."
बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई थी सुनवाई
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीते 4 अप्रैल को लड़की की मां की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया था. जिसके बाद मां ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दर्ज करवाई. जहां मुख्य जज डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि "लड़की की मां के मुताबिक उनकी बेटी की जांच किए बिना मेडिकल राय तैयार की गई थी. "इस कोर्ट को एक चौंकाने वाली बात का पता चला है.
दरअसल मेडिकल रिपोर्ट में नाबालिग पर गर्भावस्था की शारीरिक और मानसिक स्थिति का प्रभाव होने के साथ- साथ यौन उत्पीड़न के अलावा गर्भावस्था की पृष्ठभूमि का जिक्र ही नहीं है.कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य के वकील से आग्रह किया कि लड़की और उसकी मां को अस्पताल पहुंचाने में मदद करनी चाहिए. मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद बोर्ड ये तय करेगा कि नाबालिग लड़की के जीवन में बिना खतरे के गर्भपात कराना चाहिए या नहीं. First Updated : Friday, 19 April 2024