बच्चों को नहीं पढ़ाई जाएगी गोधरा कांड पर आधारित किताब, बैन पर क्या बोले- शिक्षा मंत्री?
Rajasthan News: सरकार बदलते ही राजस्थान में सरकार के फैसलों पर असर दिखने लगा है. वर्तमान की भाजपा सरकार ने पिछली सरकार द्वारा चलाई गई गोधरा कांड पर आधारित किताब बैन कर दी गई है. आइये जानें शिक्षा मंत्री ने ने क्या कहा?
Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने गोधरा कांड पर आधारित एक किताब को राज्य के स्कूलों से हटाने का आदेश दिया है. सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि इस किताब की सभी प्रतियां वापस मंगवाकर इसे खरीदने के आदेश रद्द कर दिए जाएं. इस किताब को पहले राज्य के स्कूल सिलेबस में शामिल किया गया था. लेकिन, अब इसे हटाने का निर्णय लिया गया है.
राजस्थान में गोधरा कांड पर आधारित इस किताब को लेकर जारी विवाद ने राज्य के राजनीतिक और शैक्षिक माहौल को गर्म कर दिया है. सरकार के इस कदम को जहां कुछ लोग सही ठहरा रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक लाभ से प्रेरित बता रहे हैं.
किताब का विवाद
इस विवादित किताब का नाम 'अदृश्य लोग- उम्मीद और साहस की कहानियां' है. इसको गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था. इसी किताब को अब की भाजपा सरकार ने बंद करने का फैसला लिया है और इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.
शिक्षा मंत्री का आरोप
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आरोप लगाया है कि इस किताब में गोधरा कांड के तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है. समाज में मतभेद पैदा करने की कोशिश की गई है. उनका कहना है कि किताब में गोधरा कांड के दोषियों का महिमामंडन किया गया है. हिंदुओं को अपराधी के रूप में दिखाया गया है.
पूर्व शिक्षा मंत्री पर आरोप
मंत्री मदन दिलावर ने पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर इस किताब को पाठ्यक्रम में शामिल किया ताकि राज्य के बच्चों को गुमराह किया जा सके. इसके जवाब में डोटासरा ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी और कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में इस किताब का अनुमोदन नहीं किया था. उन्होंने दिलावर पर झूठ फैलाने का आरोप भी लगाया है.
किताब का लेखक और विवाद की वजह
किताब पूर्व IAS अधिकारी हर्ष मंदर ने लिखी गई है. ये सेवानिवृत्ति के बाद एक NGO में काम करते हैं. हाल ही में उन पर सीबीआई जांच भी शुरू हुई है. मंदर ने इस किताब में गोधरा कांड और इसके बाद हुए दंगों के अपने अनुभव साझा किए हैं. इसमें दावा किया गया है कि गोधरा में ट्रेन पर हुआ हमला एक साजिश का हिस्सा था. इसके बाद कई मुसलमानों को टारगेट किया गया. किताब में राहत कैंपों में रह रहे पीड़ितों की दुर्दशा और बच्चों के लापता होने का भी जिक्र है.