BPSC परीक्षा विवाद: प्रशासन और छात्रों के बीच टकराव, धरने से बढ़ी राजनीतिक हलचल

BPSC exam dispute: बिहार में बीपीएससी छात्रों का आंदोलन अभी थमता नजर नहीं आ रहा. ऐसे में बड़ा सवाल यह कि आखिर क्रांति की धरती बिहार में ये छात्र इतने उग्र कैसे हो गए. इस प्रकरण में हम छात्रों के इस आंदोलन की पूरी कहानी बता रहे हैं.

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BPSC exam dispute:  बिहार में एक बार फिर आंदोलन का माहौल बन गया है, और इस बार वजह है बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) की परीक्षा. हजारों छात्र इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं. यह आंदोलन अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है.

क्या है पूरा मामला 

13 दिसंबर को बीपीएससी ने 70वीं प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया. इसी दौरान छात्रों ने नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे को उठाया. नॉर्मलाइजेशन का मतलब होता है कि परीक्षा के कठिनाई स्तर के आधार पर छात्रों के अंक को समायोजित किया जाए. बीपीएससी ने इस पर बैठक भी बुलाई, जिसमें कुछ कोचिंग संचालकों ने नॉर्मलाइजेशन का समर्थन किया, लेकिन छात्र इससे नाराज थे.

बीपीएससी ने कहा कि परीक्षा के तीन सेट होंगे

वहीं, एक पत्र वायरल हुआ, जिसमें बीपीएससी ने कहा कि परीक्षा के तीन सेट होंगे. इसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया. छात्र नेता दिलीप कुमार ने बीपीएससी से इस मुद्दे पर जवाब मांगा, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला. 6 दिसंबर को छात्रों ने राजधानी पटना में प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस ने लाठीचार्ज किया और छात्र नेता दिलीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, बीपीएससी ने बाद में साफ किया कि नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा और एक ही सेट में परीक्षा होगी.

रीक्षा के दौरान गड़बड़ियां आईं सामने

इसके बाद परीक्षा के दौरान कुछ गड़बड़ियां सामने आईं. बापू परीक्षा केंद्र पर छात्रों के लिए प्रश्नपत्र की कमी थी. यहां 273 छात्रों के लिए 192 प्रश्नपत्र ही भेजे गए थे, जिससे हंगामा मच गया. छात्रों ने इसका विरोध किया और ओएमआर शीट लेकर बाहर निकल गए. कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि डीएम ने एक छात्र को थप्पड़ भी मारा. इसके बाद 13 दिसंबर को दो घंटे की परीक्षा के बाद आयोग ने घोषणा की कि बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी जाएगी और पुनर्परीक्षा 4 जनवरी को होगी.

कई छात्र धरने पर बैठें

इसके बाद कई छात्र राजधानी पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठ गए. इस धरने में कोचिंग संचालकों का भी समर्थन था, जिनमें खान सर और गुरू रहमान भी शामिल थे. छात्र नेताओं ने आंदोलन को उग्र किया और गांधी मैदान में छात्र संसद का आयोजन किया. आंदोलन में नेताओं का भी समर्थन मिला, जैसे तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और प्रशांत किशोर.

छात्रों और पुलिस के बीच झड़पें

आंदोलन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं. छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें भी छोड़ीं. यह आंदोलन अब बिहार में एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, और छात्र लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे हैं. First Updated : Monday, 30 December 2024