बीआरएस का केंद्र सरकार पर तंज कहा, देश में लाओ 'अडानी एक्ट'
मंगलवार को बजट 2023 की शुरुआत हुई इस बजट की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण के साथ की। हालांकि राष्ट्रपति के अभिभाषण का भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने बहिष्कार किया है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से आग्रह किया कि वह नरेंद्र मोदी सरकार को "अडानी अधिनियम" लाने की सलाह दें क्योंकि देश में अब केवल 'क्रोनी कैपिटलिज्म' है।
मंगलवार को बजट 2023 की शुरुआत हुई इस बजट की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण के साथ की। हालांकि राष्ट्रपति के अभिभाषण का भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने बहिष्कार किया है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से आग्रह किया कि वह नरेंद्र मोदी सरकार को "अडानी अधिनियम" लाने की सलाह दें क्योंकि देश में अब केवल 'क्रोनी कैपिटलिज्म' है।
बजट सत्र से पहले मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के साथ बीआरएस ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के पहले अभिभाषण का बहिष्कार किया था। राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के दौरान बीआरएस के 16 सांसद और आप के 10 सांसद संसद भवन के बाहर खड़े रहे।
बीआरएस संसदीय दल के नेता के केशव राव ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "हमने आज राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना, लेकिन इसमें बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य या महंगाई जैसे मुद्दे शामिल नहीं थे। मैं राष्ट्रपति को सुझाव देता हूं कि प्रधानमंत्री को 'अडानी अधिनियम' नामक अधिनियम लाने की सलाह दें क्योंकि अब देश में केवल क्रोनी कैपिटलिज्म है।"
केंद्र पर निशाना साधते हुए केशव राव ने कहा कि "भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार विकास और शासन के सभी क्षेत्रों में विफल रही है। पिछले आठ सालों में केंद्र ने तेलंगाना या देश के लिए कुछ नहीं किया। हम चिंता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं ताकि बहस सही रास्ते पर चले।"
बीआरएस नेता के केशव राव ने कहा कि, "हम केवल सरकार की विफलताओं और आम लोगों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहे हैं। हम किसी भी तरह से उनके संबोधन को बाधित नहीं करेंगे। सरकार ने सर्वदलीय बैठक को मजाक बना दिया है, जिसमें वे हमेशा कहते हैं कि वे मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता है।"