क्लीनिक में महिला से BSP नेता ने किया रेप, डॉक्टर,नर्स ने भी दिया साथ

Bijnor Crime News: बिजनौर जिले में पुलिस ने एक महिला द्वारा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता के अस्पताल में नशे का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म करने और वीडियो बनाने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वहीं बसपा नेता ने आरोपों को निराधार बताते हुए दावा किया है कि महिला कभी उनके क्लिनिक में नहीं आई थी. बसपा नेता खुद भी एक चिकित्सक हैं और उनपर घटना का वीडियो बनाने का आरोप है.

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उत्तर प्रदेश के बिजनौर एक इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल क्लीनिक में एक महिला से रेप के मामले में अब पुलिस ने बहुजन समाज पार्टी के नेता और डॉक्टर समेत कुल चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले को लेकर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि 32 साल की महिला के साथ रेप के मामले में ये केस दर्ज किया गया है.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर पर घटना का वीडियो रिकॉर्ड करने का भी आरोप है, लेकिन उन्होंने इसे "निराधार" बताया है और दावा किया है कि महिला कभी उनके क्लिनिक में नहीं आई थी. पुलिस के मुताबिक, 9 सितंबर को महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी.

चार महीने पहले बीमार थी महिला

पीड़िता ने कहा था कि चार महीने पहले वह बीमार पड़ गई और फिर उसने अपने गांव के वासुलीदीन नाम के एक व्यक्ति से संपर्क किया जो उसे डॉ. शकील अहमद के क्लिनिक में ले गया. एएसपी (ग्रामीण) राम अर्ज ने शिकायत का हवाला देते हुए कहा, क्लिनिक में, उसे एक नर्स द्वारा इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद वह बेहोश हो गई.

वासुलीदीन ने उसके साथ किया बलात्कार

पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि वासुलीदीन ने उसके साथ  बलात्कार किया, जबकि अहमद ने इस कृत्य का वीडियो रिकॉर्ड किया. एएसपी ने कहा कि बाद में जब उसने वासुलीदीन के बेटे अजीम से घटना की शिकायत की तो उसने उसके साथ मारपीट की.

बसपा के टिकट पर लड़ चुका है चुनाव

बता दें कि बीएसपी के जिस नेता पर रेप का आरोप लगा है उसने 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों में चांदपुर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ था और हार गया था. उसने खुद को चांदपुर विधानसभा क्षेत्र का वर्तमान बसपा प्रभारी भी बताया. अहमद ने बताया, 'मैं उस महिला को नहीं जानता और वह कभी मेरे क्लिनिक में नहीं आई, हमारे पास मरीजों के रिकॉर्ड हैं और क्लिनिक सीसीटीवी की निगरानी में है यह मामला झूठा है. इस मामले में राजनीतिक साजिश हो सकती है.'  First Updated : Friday, 13 September 2024