असम कैबिनेट में विस्तार की तारीख का एलान कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मत्रिमंडल में फेरबदल 9 जून को होगा। पहाड़ी जिलों के एक विधायक कैबिनेट में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार का यह जानकारी दी।
किसी मुस्लिम को नहीं करनी चाहिए तीन शादियां : CM हिमंत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, किसी भी मुस्लिम को तीन-तीन शादियां नहीं करनी चाहिए। उन्हें एक ही महिला से शादी कर उसे निभाना चाहिए। साथ ही तलाक के बजाय उन्हें कानूनी ढंग से अलग होना चाहिए।
महिलाओं को संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी की वकालत करते हुए सरमा ने कहा, असम सरकार इसको लेकर स्पष्ट है। बेटियों को भी बेटों के बराबर संपत्ति दी जाए। साथ ही मुसलमानों को एक से अधिक शादी नहीं करनी चाहिए। सरमा ने कहा, राज्य मंत्रिमंडल 15 अगस्त तक उन स्वदेशी अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग वर्गीकरण पर फैसला करेगा, जिनका जन्म इसी धरती पर हुआ और वे किसी दूसरे स्थान से असम नहीं आए हैं। इस काम के लिए बनी समिति ने हमें कुछ मानक सुझाए हैं कि इसमें किसे चुना जाना चाहिए और किसे नहीं। मंत्रिमंडल जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेगा।
सरमा ने कहा, अभी तक मुस्लिमों को बौद्ध, जैन, पारसी और अन्य समुदायों की तरह ही अल्पसंख्यक माना जाता रहा है। जब सुप्रीम कोर्ट कोई व्याख्या नहीं करता तब तक इस्लाम को मानने वाले सभी लोगों को मुस्लिम माना जाता रहेगा। उनकी पहचान करने में काई दिक्कत नहीं है, लेकिन असम स्वदेशी अल्पसंख्यकों की पहचान की राह में आगे बढ़ रहा है।
मोदी की पहल पर पूर्वोत्तर के छात्रों के साथ नस्लीय भेदभाव हुआ कम
सरमा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के चलते पूर्वोत्तर के छात्रों के साथ नस्लीय भेदभाव कम हुआ है। बीते दो से तीन वर्षों में जिस तरह पीएम मोदी पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचे हैं इससे छात्रों के साथ भेदभाव काफी हद तक कम हुआ है। उन्होंने ट्वीट किया, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है। बीते आठ वर्षों में विकास की एक नई लहर पूर्वोत्तर से गुजरी है। मैं असम की जनता की ओर से इसके लिए पीएम मोदी को आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने पूर्वोत्तर की क्षमताओं को पहचाना और इसे देश के विकास का नया इंजन बनाया।
सरमा पैगंबर न बने : हन्नान मोल्लाह
माकपा नेता हन्नाम मोल्लाह ने असम के सीएम के शादी वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा, असम के मुख्यमंत्री हर दिन किसी न किसी धर्म पर उपदेश दे रहे हैं। वह मुख्यमंत्री हैं और वही रहें, पैगंबर बनने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री सिर्फ अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए लोगों को भड़का रहे हैं, बांट रहे हैं।
मोदी की पहल पर पूर्वोत्तर के छात्रों के साथ नस्लीय भेदभाव हुआ कम
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के चलते पूर्वोत्तर के छात्रों के साथ नस्लीय भेदभाव कम हुआ है। सरमा ने ट्वीट किया, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है। बीते आठ वर्षों में विकास की एक नई लहर पूर्वोत्तर से गुजरी है। मैं असम की जनता की ओर से इसके लिए पीएम मोदी को आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने पूर्वोत्तर की क्षमताओं को पहचाना और इसे देश के विकास का नया इंजन बनाया। इससे पहले हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा था कि राज्य मंत्रिमंडल 15 अगस्त तक उन स्वदेशी अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग वर्गीकरण पर फैसला करेगा जिनका जन्म इसी धरती पर हुआ और वे किसी दूसरे स्थान से असम नहीं आए हैं। इस काम के लिए बनी समिति ने हमें कुछ मानक सुझाए हैं कि इसमें किसे चुना जाना चाहिए और किसे नहीं। First Updated : Thursday, 02 June 2022