Tamil Nadu News: कावेरी जल विवाद ने फिर बढ़ाई सरगर्मी, किसान संघ ने किया रेलवे ट्रैक पर जमकर विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान आंदोलन कुरुवाई फसल को बचाने के साथ कावेरी जल को बांटने की मांग कर रहे हैं.
Cauvery water dispute: तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी जल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कावेरी जल छोड़ने की मांग को लेकर नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन ने रविवार (1 अक्टूबर) को त्रिची में एक रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया. किसान संघ को त्रिची के एक रेलवे पर विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा गया है. विरोध इतना बढ़ गया है कि अब लोकसभा सांसदों को भी बीच में आना पड़ रहा है. अय्याकन्नू के नेतृत्व में किसान संघ ने इससे पहले 25 सितंबर को मानव कंकाल को पकड़कर अर्धनग्न होकर विरोध किया था.
किसानों ने की जल बंटवारे की मांग
बता दें कि विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान आंदोलन कुरुवाई फसल को बचाने के साथ कावेरी जल को बांटने की मांग कर रहे हैं. कर्नाटक और तमिनाडु में कावेरी जल बांटने के विवादों के बीच कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने कहा कि इसको सुलझाने के लिए आयोग बनाया गया है और दोनों राज्यों को आयोग के फैसले पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि मैं तमिलनाडु का सांसद हूं, इसलिए उनकी मांगों पर दबाव डाल सकता हूं और कर्नाटक के सांसद उनकी मांगों पर दबाव डाले. कावेरी जल को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. नदी को किसी भी राज्यों के लोगों के लिए जीविक का सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता है.
इस वजह से हुआ पूरा विवाद खड़ा
सीडब्ल्यूआरसी ने कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर तक बिलीगुंडलू में 3000 क्यूसेक कावेरी में पानी छोड़ने का आदेश दिया गया था. इससे पहले पानी छोड़े जाने की मात्रा 5 हजार क्यूसेक थी. वहीं, कर्नाटक ने नदी से पानी नहीं देने का राज्य में सूखे का हवाला दिया. दूसरी तरफ तमिलनाडु ने पड़ोसी राज्य को देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया. कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैय्या ने कहा कि शुक्रवार कहा कि राज्य सरकार 30 सितंबर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी. क्योंकि राज्य के पास के पास नहीं है, इसलिए वह आगे जारी नहीं कर सकता है.