CEC Selection Bill: चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर क्यों छिड़ा सियासी संग्राम? ममता का केंद्र पर वार
CEC Selection Bill: मोदी सरकार ने गुरुवार 10 अगस्त को राज्यसभा में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन से संबधित एक बिल पेश किया था, इस बिल को लेकर सभी विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है..
CEC Selection Bill: मोदी सरकार ने गुरुवार 10 अगस्त को राज्यसभा में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन से संबधित एक बिल पेश किया था, इस बिल को लेकर सभी विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, इसको लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र पर जमकर हमला.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार यानी 12 अगस्त को इस बिल के विरोध में कहा कि भाजपा अराजकता के आगे झुक गई है. इस सफ्ताह CEC की नियुक्ति के लिए 3 सदस्यीय पैनल में CJI की भूमिका महत्वपूर्ण है. हम चुनाव आयुक्त के चयन में CJI की जगह कैबिनेट मंत्री को लाने का कड़ा विरोध करते हैं."
PM ने टीएमसी पर पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवारों को धमकाने और बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि, "वे यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी करते हैं कि कोई भी भाजपा उम्मीदवार नामांकन दाखिल न कर सके... वे न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं को बल्कि मतदाताओं को भी धमकाते हैं। बूथ पर कब्जा करने के लिए ठेके दिए जाते हैं. यह राज्य में राजनीति करने का उनका तरीका है."
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि, वह (पीएम मोदी) बिना किसी सबूत के बोल रहे हैं. वह चाहते हैं कि आम लोगों को परेशानी हो. आप भ्रष्टाचार के मुद्दे नहीं उठा सकते क्योंकि आप पीएम केयर्स फंड, राफेल डील और नोटबंदी जैसे मुद्दों से घिरे हुए हैं. आप लोगों को कभी-कभी मूर्ख बना सकते हैं लेकिन हर समय नहीं. आप अपने ही लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं करते जो महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पहलवानों पर अत्याचार, मणिपुर में अत्याचार के मामलों में शामिल हैं...राज्य में 16-17 से अधिक लोग मारे गए.