इस वजह से BJP जॉइन करेंगे चंपई सोरेन, पूर्व CM ने किया खुलासा, बांग्लादेशी घुसपैठ का भी किया जिक्र
Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बीजेपी में जाने की वजहों को खुलासा किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोरेन 30 अगस्त को बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इस बीच उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठिए कैसे झारखंड के आदिवासियों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं इसके बारे में भी बताया.
Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को खुलासा किया कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का फैसला क्यों किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'पिछले सप्ताह (18 अगस्त) मैंने एक पत्र के माध्यम से झारखंड समेत पूरे देश के लोगों के सामने अपनी बात रखी थी. इसके बाद मैं झारखंड के लोगों से मिलता रहा और उनकी राय जानने की कोशिश करता रहा. कोल्हान क्षेत्र के लोग हर कदम पर मेरे साथ खड़े रहे और उन्होंने संन्यास लेने के विकल्प को खारिज कर दिया.'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोरेन से कहा, 'पार्टी में ऐसा कोई मंच नहीं था जहां मैं अपना दर्द व्यक्त कर सकूं और मुझसे वरिष्ठ नेता स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से दूर हैं. 'सोरेन ने बांग्लादेशी घुसपैठ को झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में एक बड़ी समस्या' बताया, जो 2000 में बिहार से अलग होकर बना राज्य है.
बांग्लादेशी घुसपैठ पर क्या बोले चंपई सोरेन?
इस बीच सोरेन ने आगे कहा, 'इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि ये घुसपैठिए उन नायकों के वंशजों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, जिन्होंने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की. उनके कारण हमारी माताओं, बहनों और बेटियों की इज्जत खतरे में है, जो फूल-झानो जैसी बहादुर महिलाओं को अपना आदर्श मानती हैं.
'समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा'
पूर्व सीएम ने कहा कि आदिवासियों और मूलवासियों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचा रहे इन घुसपैठियों को अगर नहीं रोका गया तो संथाल परगना में हमारे समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. पाकुड़, राजमहल समेत कई इलाकों में इनकी संख्या आदिवासियों से भी ज्यादा हो गई है. हमें राजनीति से हटकर इस मुद्दे को सामाजिक आंदोलन बनाना होगा, तभी आदिवासियों का अस्तित्व बचेगा.
इस वजह से बीजेपी में जाने का किया फैसला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चंपई सोरेन 30 अगस्त को भाजपा में शामिल हो सकते हैं. इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि इस मुद्दे पर सिर्फ केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ही गंभीर है और अन्य पार्टियां वोट के लिए अनदेखी कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'इसलिए आदिवासियों की पहचान और अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में मैंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है.
इसलिए छोड़ा सीएम पद
67 वर्षीय नेता झारखंड के मुख्यमंत्री रहे थे, जब हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था और उसके बाद उन्हें धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. चार महीने से भी कम समय तक राज्य की कमान संभालने के बाद, झामुमो प्रमुख को दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए चंपई सोरेन को पद छोड़ना पड़ा था.