छठ घाटों का होगा जीर्णोद्धार: अनिल चौधरी

दिल्ली नगर निगम चुनाव में पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने यमुना के तट पर छठ घाटों को बहाल करने और उन्हें बिना किसी बाधा के अपना त्योहार मनाने के लिए अन्य सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया है। सोमवार को कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख अनिल चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झूठे वादों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले पूर्वांचलियों के साथ "विश्वासघात" किया और उन्हें उनका सबसे शुभ त्योहार आयोजित करने से रोका।

Janbhawana Times
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रिपोर्ट। मुस्कान

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनाव में पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने यमुना के तट पर छठ घाटों को बहाल करने और उन्हें बिना किसी बाधा के अपना त्योहार मनाने के लिए अन्य सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया है। सोमवार को कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख अनिल चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झूठे वादों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले पूर्वांचलियों के साथ "विश्वासघात" किया और उन्हें उनका सबसे शुभ त्योहार आयोजित करने से रोका।

अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली को लंदन, पेरिस और सिंगापुर जैसा बनाने का सपना बेचने के बावजूद केजरीवाल सरकार पिछले आठ सालों से बढ़ते वायु और जल प्रदूषण को रोकने में विफल रही है। यमुना का पानी जहरीला और अत्यधिक दूषित है, जिससे दिल्लीवासियों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।

अनिल चौधरी ने दावा किया कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने पूर्वांचलियों के लिए छठ घाटों की स्थापना की थी और मैथिली और भोजपुरी अकादमियों की भी स्थापना की थी। चौधरी ने कहा कि अगर कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में निकाय चुनाव जीतती है तो दलितों और अल्पसंख्यकों के 'अधिकारों और सुरक्षा' के लिए लड़ना पहली प्राथमिकता होगी।

चौधरी ने कहा कि कांग्रेस गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से इन समुदायों, विशेषकर दलित बच्चों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करेगी। लोग एमसीडी में सुशासन की राह देख रहे हैं और उस सपने को पूरा करने के लिए कांग्रेस से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने एमसीडी के अस्थायी और अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने के अपने वादे का सम्मान नहीं किया।

बता दें कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव प्रचार तेज होने के बीच बीजेपी, आप और कांग्रेस सभी पूर्वांचलियों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, जो दिल्ली में सबसे बड़े वोट बैंक में से एक हैं। अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में बसे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भोजपुरी भाषी मूल निवासी पूर्वांचल, राष्ट्रीय राजधानी के कुल 1.46 करोड़ मतदाताओं में से करीब एक तिहाई हैं।

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28 November 2022, 09:22 PM IST

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