रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में सरकार के कामकाज, जनता की नाराजगी और उम्मीद की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद जमीन पर उतरे हैं। पिछले छह महीनों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 50 विधानसभा क्षेत्रों में जनता से भेंट-मुलाकात की। इस दौरान जहां शिकायत मिली, वहां अधिकारियों को निलंबित भी किया। विकास के कार्यों में जहां अड़ंगा दिखा, वहां तत्काल राशि भी स्वीकृत की। मुख्मयंत्री भूपेश बघेल की भेंट-मुलाकात को आने वाले विधानसभा चुनाव की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अब तक सरगुजा, बस्तर, बिलासपुर की अधिकांश विधानसभा सीटों तक मुख्यमंत्री बघेल पहुंच चुके हैं। इन क्षेत्रों में मुख्यमंत्री कई घोषणाएं कर रहे हैं, जिनका तत्काल पालन भी हो रहा है। मुख्यमंत्री बघेल की घोषणाओं की जानकारी के लिए डैसबोर्ड बनाया गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि भेंट-मुलाकात का उद्देश्य शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन देखना और फीडबैक लेना है।
सभी योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो रहा है या नहीं, इसे देख रहा हूं और योजनाओं की जानकारी ले रहा हूं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आम जनता की आय में वृद्धि करना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। हम इस अभियान में पिछले चार साल से लगे हुए हैं। हमने रीपा की शुरुआत की है, निर्माण कार्यों अब तेजी आएगी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा तो मुख्य विषय है ही, साथ ही हम संस्कृति को भी बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री बघेल रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, गौठान और स्व-सहायता समूह के नवाचार की जानकारी ले रहे हैं। बता दें कि इन योजनाओं के माध्यम से सरकार ने करीब 15 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है।
योजनाओं की प्रगति देखना मुख्य लक्ष्य -
मुख्यमंत्री बघेल का भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में प्रमुख लक्ष्य महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति को देखना है। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करने के लिए गांव-गांव में गौठान खोले हैं। अब इन गौठानों से लोगों को रोजगार मिल रहा है और महिलाओं की आय भी बढ़ रही है। वहीं धान खरीदी का जायजा भी मुख्यमंत्री ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी अच्छी तरह से चल रही है। बारदाने की कमी नहीं है।
मंदिरों में माथा टेक ले रहे आशीर्वाद -
मुख्यमंत्री बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में स्थानीय मंदिरों में भी माथा टेक रहे हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा तक करीब 200 से ज्यादा छोटे-बड़े मंदिरों तक वे पहुंचे हैं। इससे उन मंदिरों के विकास का प्लान भी तैयार हो रहा है। बस्तर में देवगुड़ी को संवारने के लिए सरकार ने राशि स्वीकृत की है, लेकिन जहां मुख्यमंत्री पहुंचे, उसके आसपास की देवगुड़ी को तत्काल संवारा गया। इसके साथ ही कई मंदिरों के विकास के लिए स्थानीय स्तर पर मांग की गई, जिसके लिए राशि दी जा रही है।
गांव के एक व्यक्ति के घर किया भोजन -
मुख्यमंत्री बघेल कार्यक्रम के दौरान गांव के एक व्यक्ति के घर भोजन जरूर करते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री स्थानीय व्यंजन का लुत्फ तो उठाते ही हैं, साथ ही जमीन पर बैठकर खाते-खाते गांव की स्थिति का जायजा भी लेते हैं। ग्रामीणों से स्थानीय जरूरतों के बारे में पूछते हैं और अगले दिन अधिकारियों से चर्चा के बाद उसे पूरा करने का प्रयास भी करते हैं।
मुख्यमंत्री को गांव से पलायन की जब जानकारी मिली, तो उन्होंने कहा कि बंधुआ मजदूरों को वापस लाने की कार्रवाई सरकार बड़े पैमाने पर कर रही है। यदि जबरन पलायन हो रहा है, तो हम कार्रवाई भी कर रहे हैं। इस बात से पलायन में भी कमी आ रही है।
खबरें और भी है.....
First Updated : Friday, 09 December 2022