छत्तीसगढ़: पुलिस ने नारायणपुर शहर को किया ब्लाक, सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम को कोर्ट में किया पेश
नारायणपुर जिले में मंगलवार सुबह से ही स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। वहीं पूरे नारायणपुर शहर को पुलिस ने ब्लाक कर दिया। जिसके चलते आम लोगों के सामूहिक रूप से शहर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम को कोर्ट में पेश किया गया है
नारायणपुर, छत्तीसगढ़। नारायणपुर जिले में मंगलवार सुबह से ही स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। वहीं पूरे नारायणपुर शहर को पुलिस ने ब्लाक कर दिया। जिसके चलते आम लोगों के सामूहिक रूप से शहर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम को कोर्ट में पेश किया गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम को इससे पहले पुलिस ने हिरासत में लिया।
वहीं टी आई नवरंग भीड़ को समझाईश देने के बाद रूपसाय को अपने बाइक से घटनास्थल से ले गए। बताते चलें कि घटनास्थल पर उपस्थित एक कांग्रेसी नेता के निर्देश पर रूपसाय सलाम की पुलिस ने जबरदस्त पिटाई भी की थी। वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री समेत बड़े नेता नारायणपुर पहुंच रहे है। साथ ही यह बताया जा रहा है कि अन्य आदिवासी नेताओं को भी पुलिस हिरासत में ले रही हैं।
दें कि बीते सोमवार को हुई रैली में शामिल आदिवासियों को चिन्हित कर पुलिस कस्टडी में लाया जा रहा है। बता दें छत्तीसगढ़ के बस्तर में धर्मांतरण से अब आदिवासी समाज के दो भाग में बंटने की स्थिति निर्मित हो गई है, जिस कारण यहां के शांत गांवों में अशांति का वातावरण लगातार बनता जा रहा है।
वहीं नारायणपुर जिले के एड़गा पंचायत के गोर्रा गांव में धर्मांतरित मिशनरी लोग जो मूलत: आदिवासी हैं, के आदिवासियों के साथ की गई मारपीट की घटना के विरोध में सोमवार को क्षेत्र के दस हजार से भी ज्यादा आदिवासी, नारायणपुर के जिला मुख्यालय का घेराव करने पहुंच गए। पुलिस की व्यवस्था भीड़ के आगे बेकार साबित हुई और आक्रोशित आदिवासियों में से लाठी-डंडे से लैस तकरीबन पांच हजार लोगों की भीड़ जिला मुख्यालय में प्रवेश कर गई।
भीड़ ने बंगालीपारा स्थित कैथोलिक चर्च में तोड़फोड़ करना भी शुरु कर दिया। बता दें कि समझाइश देने नारायणपुर एसपी सदानंद कुमार दल-बल के साथ पहुंचे तो वे भी आक्रोशित भीड़ की चपेट में आकर घायल हो गए। एसपी को हमले में सिर पर गंभीर चोट आई है, उन्हें तीन टांके लगाने पड़े है। साथ ही कुछ जवान भी चोटिल हुए हैं।
एसपी पर हमला होने के बाद अनियंत्रित हो चुकी भीड़ को काबू करने के लिए प्रशासन को सुरक्षा बल को बुलाना पड़ा था। पुलिस और सुरक्षा बल की संयुक्त टीम ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज किया, जिसमें लगभग 50 से अधिक ग्रामीणों के घायल होने की सूचना है। गौरतलब है कि रविवार सुबह जिले की ग्राम पंचायत एडका के आश्रित ग्राम गोर्रा में मिशनरियों के करीब 300 लोगों ने बैठक कर रहे आदिवासियों पर लाठी और डंडे से हमला बोल दिया और तो और वे राहगीरों को भी नहीं बख्श रहे थे।
घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस पर भी मिशनरी के लोगों ने हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में एडका थाना प्रभारी वायएस जोशी और कुछ जवान समेत कई ग्रामीण भी घायल हुए हैं। वहीं जोशी को जगदलपुर के लिए रेफर किया गया है। मिशनरी के लोगों ने आदिवासी नेताओं को भी जान से मारने की धमकी दी है।
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