संबाददाता- मोहित साहू (छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश)
मध्यप्रदेश। जिला अस्पताल छिंदवाड़ा हमेशा ही अपनी लापरवाही के चलते सुर्खियो में रहता है। लेकिन जिला प्रशासन सहित अस्पताल प्रबंधक भी डॉक्टरों की लापरवाही पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है और हमेशा लापरवाही के कारण अस्पताल प्रबंधन सुर्खियों में रहता है।
दरअसल आज एक ऐसा ही मामला छिंदवाड़ा जिले के लावाघोघरी के अंतर्गत आने वाले ग्राम बदनूर गांव से सामने आया है, जहां पर घर में खेलते खेलते 3 वर्षीय आकाश की आंखों में पेचकस घुसा गया। जिसके बाद बच्चे के परिजनों ने बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
लेकिन डॉक्टरों ने देखकर उसे नागपुर रेफर कर दिया और परिवार के लोग बच्चे को लेकर नागपुर के लिए एंबुलेंस के सहारे नागपुर के लिए रवाना हो गए।लेकिन नागपुर पहुंचने के पहले ही बच्चे की आंख से पेचकस वैसे ही निकल गया।
जिसके बाद परिवारों के लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर को चेकअप करा कर अपने गांव वापस ला लिया और बच्चा और उसकी आंख भी सुरक्षित है। जिसके बाद बच्चे के परिजन शंकर पटले ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में बच्चे के आंख में पेचकस चला गया था।
लेकिन डॉक्टरों ने बिना देखे ही उसे नागपुर रेफर कर दिया। किंतु इत्तेफाक से रास्ते में ही जाते समय उक्त पेंचकस ऑटोमेटिक आंखों से निकल गया। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर अस्पताल प्रबंधन लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर अंकुश लगाने में क्यों नाकामयाब है।
जब इस संदर्भ में छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सीएमएचओ शिखर खुराना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही इस बच्चे को अस्पताल लाया गया था।और उसने अपनी आंख में खेलते खेलते पेचकस डाल लिया था।
डॉक्टरों ने बच्चे को नागपुर रेफर कर दिया था इस मामले में डॉक्टर से बात कि तो डॉक्टर ने कहा कि पेचकस इतने अंदर तक गया इसका अंदाजा नहीं है पेचकस खींचने के बाद कोई ऐसी परिस्थिति न बन जाए इसलिए बच्चे को नागपुर रेफर किया गया।हालांकि बच्चे की आंखों की पूरी जांच की गई है। समाजसेवियों ने 5,000 परिवार को मदद के लिए दिया। First Updated : Wednesday, 19 October 2022