छिंदवाड़ा: तेंदनी में ग्रामीणों ने किया रोड में हंगामा, टूटी रोड से हैं परेशान, छिंदवाड़ा नरसिंहपुर मार्ग का है मामला

छिंदवाड़ा नरसिंहपुर मार्ग नेशनल हाईवे-547 पर चारों तरफ तबाही के मंजर सा नजारा है। धूल और गुबार की धुंध है, अव्यवस्थित सड़क पर गिट्टी उछल कर लोगों को चोट पहुंचा रही है

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संबाददाता- मोहित साहू (छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश)

अमरवाड़ा, मध्यप्रदेश। छिंदवाड़ा नरसिंहपुर मार्ग नेशनल हाईवे-547 पर चारों तरफ तबाही के मंजर सा नजारा है। धूल और गुबार की धुंध है, अव्यवस्थित सड़क पर गिट्टी उछल कर लोगों को चोट पहुंचा रही है। चारपहिया और दोपहिया वाहन लगातार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, दर्जनों लोगों की सड़क दुर्घटना में जान जा चुकी है। पैदल चलना, गाड़ियों में चलना दूभर हो गया है।

धूल और गुबार की वजह से लोग मरीज बन रहे हैं, आम आदमी के जीवन के साथ सीधे-सीधे खिलवाड़ हो रहा है। यह किसी युद्ध के मैदान की बात नहीं बल्कि हम बात कर रहे हैं छिंदवाड़ा नरसिंहपुर एनएच-547 सड़क निर्माण में हो रही व्यापक लापरवाही की। जहां निर्माण एजेंसी एवं एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा अव्यवस्था की सारी हदें पार की जा चुकी है।

घटिया निर्माण कार्य एवं नियम कानून को दरकिनार कर बनाई जा रही उक्त सड़क आगे-आगे बन रही है तो पीछे-पीछे उखड़ रही है। कहने को तो छिंदवाडा एक मॉडल पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है, लेकिन अफसोस इस बात का है कि एनएच के जिम्मेदार अधिकारी छिंदवाडा मॉडल पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं।

छिंदवाडा से नरसिंहपुर एक मात्र रास्ता 70 किलोमीटर का है, लेकिन 5 से 6 घंटे लग जाते है यात्रियों को इस मार्ग से आने जाने में और साथ ही भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दोपहिया वाहन चालक ओर चारपहिया वाहन चालकों को वाहन चलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन लगातार हो रहे बड़े-बड़े हादसो के बाद भी सबंधित विभाग कोई सुध या सबक लेने को तैयार नही हैं।

अमरवाड़ा से छिन्दवाड़ा तक सडक में बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। तो वहीं सिंगोड़ी पेंच नदी के पास और सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है, उसके बाद भी प्रशासन और एनएच के अधिकारी कुंभकरण की नींद लेते हुए अपनी आंखों को मूंदकर लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सारा प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं आखिर कब तक नेशनल हाईवे के इन गड्ढों से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ होता रहेगा और शासन प्रशासन शांत बैठा रहेगा, लोगो की जान मौत में तब्दील होती रहेंगी।

अधिकारियों की अनदेखी से ठेकेदार फल फूल रहे हैं -

तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि जिस मटेरियल का उपयोग किया जाना है और जिस तरीके से निर्माण कार्य का शेड्यूल है, ठीक उसके विपरीत लापरवाही पूर्वक घटिया सामग्री का इस्तेमाल करके निर्माण कार्य किया जा रहा है। सीधे-सीधे खुदाई करके सूखी गिट्टी डालकर डामरीकरण किया जा रहा है, जिसका परिणाम भी लगभग 2 माह पूर्व देख चुके हैं।

जहां सड़क बनने के बाद तुरंत उखड़ने लगी थी, ना कोई देखने वाला है, ना कोई सुनने वाला है। प्रत्यक्षदर्शियों एवं तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार निर्माण एजेंसी इस अनुभव हीनता की तरह काम कर रही है। जैसे काम करना सीख रहे लंबी लंबी रिच पर खुदाई करके वैसे ही छोड़ दिया गया है, जिससे चारों ओर सड़कों पर सूखी गिट्टी बिखर गई है।

जो लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है, काम की गति इतनी धीमी है कि लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से कई बार जानलेवा दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। इस संबंध में समय-समय पर अखबारों ने प्रशासन को भी चेताया और निर्माण एजेंसी की लीपा-पोती को भी उजागर किया है।

लेकिन आज तक ना तो विभागीय कार्रवाई की गई और ना ही जिला प्रशासन के द्वारा कोई कारगर कदम उठाए गए। निर्माणाधीन सड़क पर कोई सांकेतिक बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं, और ना ही निर्माण एजेंसी की प्रयोगशाला स्थापित की गई है।

जो विभागीय और निर्माण एजेंसी की निरंकुशता को उजागर करती है। विभागीय अनदेखी के चलते पानी निकासी के लिए साइड में बनने वाली नाली सड़क से ऊपर बन रही है जो औचित्य हीन है जिसमें भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। First Updated : Saturday, 29 October 2022