कपड़ा बनाने वाली मिल में काम करते थे सीएम मोहन यादव के पिता, संघर्ष के बीच गुजरा जीवन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता का निधन हो गया है और इस कठिन घड़ी में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकारी जिम्मेदारियों को विराम देकर परिवार के पास उज्जैन के लिए रवाना हो गए हैं. मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति ने राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों को प्रभावित किया है. इस व्यक्तिगत त्रासदी के बीच मुख्यमंत्री को और उनके परिवार को सहनशीलता और शक्ति मिले यही प्रदेशवासियों की कामना है.

JBT Desk
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MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता का निधन हो गया है जिससे पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है. यह दुखद खबर मुख्यमंत्री के लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत कठिन समय लेकर आई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने पिता की मौत की सूचना मिलते ही तुरंत उज्जैन के लिए रवाना हो गए ताकि वह अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा सकें और अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें.

सभी कामों को किया स्थगित

मुख्यमंत्री के पिता का निधन उज्जैन जिले में हुआ. इस कठिन समय में मुख्यमंत्री ने अपने सभी आधिकारिक कार्यों को स्थगित कर दिया है. इससे राज्य की विभिन्न महत्वपूर्ण गतिविधियां और बैठकें भी प्रभावित हुई हैं. कई सरकारी कामकाज को पुनर्निर्धारित किया जाएगा ताकि मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के बावजूद राज्य का प्रशासन सुचारू रूप से चल सके.

मीडिया से रूबरू हुए मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पिता के बिना उनके जीवन में एक बड़ी कमी महसूस हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता के सिद्धांत और जीवन मूल्य हमेशा उनके लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे. मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके पिता की शिक्षाओं और मार्गदर्शन के बिना वह खुद को काफी असहाय महसूस कर रहे हैं.

पूनमचंद यादव का जीवन रहा संघर्षपूर्ण

मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का मंगलवार शाम निधन हो गया. वे 100 साल के थे और पिछले एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे. उनका इलाज फ्रीगंज स्थित एसएन कृष्णा अस्पताल में चल रहा था. जैसे ही मुख्यमंत्री को उनके निधन की सूचना मिली, वे तुरंत उज्जैन के लिए रवाना हो गए.

रविवार को मुख्यमंत्री यादव ने अपने पिता का हाल जानने अस्पताल का दौरा किया था और सोमवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनसे मिलने पहुंचे थे. पूनमचंद यादव की अंतिम यात्रा 4 सितंबर बुधवार को सुबह 11:30 बजे उनके निवास गीता कालोनी, उज्जैन से शुरू होगी और अंतिम संस्कार शिप्रा तट, भूखीमाता मंदिर के पास होगा.

पूनमचंद यादव का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा और उन्होंने कपड़ा बनाने वाली हीरा मिल में काम किया. इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त किया है. चौहान ने कहा कि पिता का साया उठ जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है.

प्रदेशवासियों की कामना

मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके परिवार के इस दुखद समय में प्रदेशवासियों ने भी अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं और समर्थन देने का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री के पिता के निधन से मध्य प्रदेश ने एक महत्वपूर्ण और सम्मानित व्यक्ति को खो दिया है. इस दुखद घड़ी में मुख्यमंत्री को धैर्य और शक्ति मिले, यही प्रदेशवासियों की कामना है. 

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03 September 2024, 10:51 PM IST

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